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भारत, चीन, यूरोपीय संघ, रूस की अहम व्यापारिक साझेदारी, क्या हैं मायने?

यूएस के टैरिफ पर सख्त रुख के बीच भारत, चीन के अलावा यूरोपीय संघ रूस के साथ अहम व्यापारिक साझेदार बने हुए हैं।

शेनयांग के एक औद्योगिक पार्क में स्टील पाइपों का ढेर लगा हुआ देखा गया। / REUTERS/Tingshu Wang

यूएस की बढ़ी टैरिफ दरों को लेकर कई देशों में हलचल के बीच वैश्विक स्तर पर अब आर्थिक नीति में अहम बदलाव के स्पष्ट संकेत मिलने लगे हैं। आंकड़ों पर नजर डालें तो यह स्पष्ट हो जाता है कि भारत रूस का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है, जिसके साथ मई तक के वर्ष में कुल 68 अरब डॉलर का व्यापार हुआ था। ऐसे में सवाल है कि यूएस के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ धमकी का भारत, रूस और चीन जैसे देशों पर क्या असर होने होगा?

ब्रूगल थिंक टैंक के अनुसार, चीन अब तक रूस का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है, और दोनों देशों के बीच वार्षिक आयात-निर्यात लगभग 240 अरब डॉलर का है।

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