अमेरिका में दवाओं की ऊंची कीमतों को लेकर बड़ा राजनीतिक कदम सामने आया है। भारतीय-अमेरिकी सांसद रो खन्ना ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के नए कार्यकारी आदेश का समर्थन किया है, जिसमें दवा की कीमतों में 30% से 80% तक कटौती का प्रस्ताव है। खन्ना ने इसे कानून के रूप में संसद में पेश करने की पेशकश की है, ताकि इसे फार्मा लॉबी की कानूनी चुनौती से बचाया जा सके।
डेमोक्रेटिक सांसद रो खन्ना ने रविवार को X (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए कहा, “मैं डोनाल्ड ट्रम्प के इस प्रयास का समर्थन करता हूं कि अमेरिकी नागरिक अन्य देशों के मुकाबले अधिक कीमत न चुकाएं। लेकिन एक्जीक्यूटिव ऑर्डर के बजाय, जो बिग फार्मा द्वारा फिर से कोर्ट में चुनौती दी जाएगी, क्यों न मेरे साथ मिलकर इसे कानून बनाया जाए!”
इस टिप्पणी से एक दिन पहले, ट्रम्प ने अपनी सोशल मीडिया साइट ट्रुथ सोशल पर घोषणा की थी कि वे " मोस्ट फेवरेट नेशन पॉलिसी" पर आधारित एक्जीक्यूटिव ऑर्डर पर साइन करने जा रहे हैं। इस नीति के तहत अमेरिका में दवाओं की कीमतें दुनिया के किसी भी देश में मिलने वाली न्यूनतम कीमत के बराबर कर दी जाएंगी।
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बयानबाजी और समर्थन
रो खन्ना ने आगे लिखा, "मैं ट्रम्प के EO को ज्यों का त्यों कांग्रेस में कानून के रूप में पेश करने को तैयार हूँ। कोई रिपब्लिकन सांसद इसमें साथ देगा क्या? फिर स्पीकर जॉनसन को वोटिंग के लिए कहें।" इस पर न्यूयॉर्क के प्रतिनिधि पैट रयान ने तुरंत प्रतिक्रिया दी और समर्थन जताया। कहा, "बातों से काम नहीं चलेगा, कानून चाहिए। मैं रो खन्ना के साथ इस बिल को को-स्पॉन्सर करने को तैयार हूँ। अब देखना है कौन बिग फार्मा का पक्ष लेता है और कौन जनता के लिए लड़ता है।"
ट्रम्प का क्या ऐलान
12 मई की सुबह व्हाइट हाउस में ट्रम्प ने यह एक्जीक्यूटिव ऑर्डर साइन किया था। उन्होंने कहा था, "यह आदेश हजारों अरब डॉलर की बचत कराएगा और अमेरिका में इंसाफ लाएगा। अगर फार्मा कंपनियाँ कीमतें कम नहीं करतीं, तो उन पर टैरिफ लगाने की भी चेतावनी दी गई है।"
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