भारत की सबसे मूल्यवान कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज ने वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में जबरदस्त मुनाफा दर्ज किया है। कंपनी का शुद्ध लाभ 78.3% बढ़कर 26,990 करोड़ रुपये (3.13 अरब डॉलर) रहा, जो बीते साल इसी अवधि में 15,130 करोड़ रुपये था।
मुनाफे में इस उछाल की एक बड़ी वजह रिलायंस द्वारा एशियन पेंट्स में अपनी हिस्सेदारी बेचने से मिला एकमुश्त लाभ रहा। कंपनी की आय रिपोर्ट के अनुसार, 'अन्य आय' में सालाना आधार पर 280% की जबरदस्त बढ़त दर्ज की गई, जिसने कुल मुनाफे को नई ऊंचाई दी।
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हालांकि, एकमुश्त लाभ के अलावा भी रिलायंस का प्रदर्शन मजबूत रहा। कंपनी का मुनाफा बाजार विश्लेषकों के 20,059 करोड़ रुपये के औसत अनुमान से कहीं ज्यादा रहा। कंपनी की कुल परिचालन आय 2.48 लाख करोड़ रुपये रही, जो पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले 5.27% अधिक है।
पेट्रोकेमिकल बिजनेस में सुस्ती
तेल से केमिकल तक के कारोबार (O2C) पर अब भी वैश्विक अनिश्चितताओं और कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट का असर दिखा। इस डिवीजन की आय में गिरावट दर्ज की गई। कंपनी ने बताया कि इस दौरान एक नियोजित शटडाउन भी हुआ, जिससे प्रदर्शन प्रभावित हुआ।
मुकेश अंबानी ने बयान में कहा कि "ऊर्जा बाजारों में इस तिमाही में असाधारण अनिश्चितता रही, जिससे O2C बिजनेस पर असर पड़ा।" रिलायंस रिटेल का ग्रॉस रेवेन्यू 11.3% बढ़कर 84,170 करोड़ रुपये रहा, हालांकि मानसून की जल्द शुरुआत से एसी की बिक्री प्रभावित हुई। टेलीकॉम यूनिट (Jio) का औसत राजस्व प्रति उपभोक्ता (ARPU) करीब 15% बढ़कर 208.8 रुपये हो गया। इसकी वजह डेटा खपत में तेजी और टैरिफ दरों में वृद्धि रही।
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