बीते मंगलवार जब आधी दुनिया में दिन था और बाकी में रात तब भारत ने अपने पड़ोसी पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर में स्थित कई आतंकवादी शिविरों को मिट्टी में मिलाकर यही संदेश दिया है कि दहशतगर्दी के जिस दंश से पूरी दुनिया त्रस्त है उसे खत्म करने का उचित और सटीक उपाय ऑपरेशन सिंदूर ही है। यह सही है कि भारत की इस कार्रवाई को तात्कालिक तौर पर कश्मीर में हुए उस आतंकवादी हमले का प्रतिशोध माना जा रहा है जिसमें 26 लोगों की जान गई थी, मगर दरअसल, यह उस वैश्विक जंग का हिस्सा है जिसका मकसद दुनिया से आतंकवाद को खत्म करना है। ऑपरेशन सिंदूर का एक संदेश यह भी है कि अब आतंकी हरकतों का इसी तरह से जवाब दिया जाएगा या दिया जाए। यह वही तरीका है जिसे भारत ने कुछ साल पहले सर्जिकल स्ट्राइक के माध्यम से दुनिया को दर्शाया था। और बेशक यह वही तरीका है जिसको अपनाकर अमेरिका ने अपने दुश्मन नंबर वन ओसामा बिन लादेन का अंत किया था। अमेरिका ने ओसामा को पाकिस्तान की धरती पर जाकर ढेर किया था। तो यह स्पष्ट है कि आतंकवाद का प्रतिरोध या उससे निपटने का तरीका कोई और नहीं केवल उसका खात्मा ही है। ऑपरेशन सिंदूर अब भारत-पाकिस्तान के बीच सशस्त्र संघर्ष में तब्दील हो चुका है।
भारत की इस एयर स्ट्राइक का यह भी संदेश है कि दुनिया अब और कायराना हमलों का इंतजार न करे। अपने देश के और मासूम बच्चों को अनाथ होते न देखे, और मांगों का सिंदूर उजड़ते न देखे, अब और निर्दोष लोगों के खून से धरती लाल न होने दे। बल्कि आतंकवाद को उसी धरती पर जाकर खत्म करना होगा जहां वह पनपता है। जहां तक आतंकी ठिकानों का सवाल है तो उसके लिए किसी बड़ी दूरबीन की जरूरत नहीं है। आतंकवाद जहां पनपता है उसके कुछ ठिकाने दुनिया से छिपे नहीं हैं। भारत उनको जानता है और उसने दुनिया को बता भी दिया है। अमेरिका भी जानता है और उसने भी दुनिया को बताया है। इस एयर स्ट्राइक के माध्यम से भारत ने दुनिया को यह बात सप्रमाण बताई है कि निशाने पर आतंकवाद था, न कि पाकिस्तान या पाकिस्तानी अवाम। तभी तो हमले में किसी निर्दोष शख्स की जान नहीं गई, कोई सामान्य रिहायश ध्वस्त नहीं हुई। तभी, भारत सरकार ने जो कार्रवाई की उसकी बाकायदा पूरी जानकारी दुनिया के सामने रखी। भारत ने दुनिया को बताया कि उसके निशाने पर दहशतगर्द और उसके सरपरस्त हैं। भारत की प्रतिबद्धताएं पहले से स्पष्ट रही हैं और अपने देश के नागरिकों की रक्षा करना धर्म है। इसी धर्म का पालन उसने किया है।
भारत की एयर स्ट्राइक के बाद दुनिया के तमाम बड़े देशों ने शांति का आह्वान किया है। स्वाभाविक है। लेकिन दुनिया यह भी देख रही है कि आतंकवादियों ने भारत की धरती पर निर्दोष लोगों का खून बहाया है और भारत ने उनका सफाया किया है जो इस खूनखराबे के जिम्मेदार हैं। बेशक, दुनिया के किसी भी देश को अपने नागरिकों की रक्षा के लिए वही करना चाहिए जो भारत ने किया है और अमेरिका कर चुका है। इसीलिए अमेरिका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा भी कि लग रहा था भारत कुछ ऐसा करेगा। अब समय है कि आतंकवाद की चुनौती से जूझ रहे दुनिया के तमाम देश समग्र रूप से मिलकर इस इस विनाशकारी प्रवृति का अंत करें जिसे भ्रम फैलाने के लिए 'जिहाद' का नाम दिया गया है।
Comments
Start the conversation
Become a member of New India Abroad to start commenting.
Sign Up Now
Already have an account? Login