भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने चीनी समकक्ष से कहा है कि दोनों देशों को अपने दशकों पुराने सीमा विवाद का 'स्थायी समाधान' तलाशना चाहिए। भारत के रक्षा मंत्रालय ने 27 जून को यह जानकारी साझा की।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि सिंह ने 26 जून को क़िंगदाओ में शंघाई सहयोग संगठन के रक्षा मंत्रियों की बैठक के दौरान चीन के डोंग जून से मुलाकात की और एक संरचित रोडमैप के माध्यम से दोनों देशों के बीच मुद्दों को हल करने पर जोर दिया।
दुनिया के दो सबसे अधिक आबादी वाले देश, दोनों परमाणु शक्ति संपन्न, हिमालय में 3,800 किलोमीटर (2,400 मील) की, काफी हद तक अनिर्धारित और विवादित सीमा साझा करते हैं और इस पर युद्ध भी लड़ चुके हैं।
हालांकि हाल के दशकों में सीमा अधिकांश समय शांतिपूर्ण रही है लेकिन 2020 में उनके सैनिकों के बीच एक घातक झड़प में 20 भारतीय और चार चीनी सैनिक मारे गए थे।
इस टकराव के कारण चार साल तक सैन्य गतिरोध बना रहा। इसमें दोनों सेनाओं ने पहाड़ों पर हजारों सैनिकों को तैनात किया। इसके बाद अक्टूबर में वे पीछे हटने के लिए एक समझौते के आधार पर राजी हुए जिससे संबंधों में नरमी आई।
नई दिल्ली ने कहा कि डोंग के साथ अपनी बैठक के दौरान सिंह ने 2020 के गतिरोध के बाद पैदा हुए विश्वास की कमी को पाटने का भी आह्वान किया।
SCO 10 देशों का यूरेशियन सुरक्षा और राजनीतिक समूह है। इसके सदस्यों में चीन, रूस, भारत, पाकिस्तान और ईरान शामिल हैं। उनके रक्षा मंत्रियों की बैठक शरद ऋतु के लिए निर्धारित इसके नेताओं के वार्षिक शिखर सम्मेलन के अग्रदूत के रूप में आयोजित की गई थी।
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