भारतीय मूल की छात्रा त्रिशा दलपति की एक रिसर्च सामने आई है, जो चिकित्सा के क्षेत्र में नए आयाम गढ़ने के लिए मेडिकल एक्सपर्ट्स के लिए अहम साबित हो सकती है। मूल रूप से पश्चिम बंगाल की रहने वाली त्रिशा दलपति ड्यूक यूनिवर्सिटी में एम.डी./पी.एच.डी. की स्टूडेंट हैं। संक्रामक रोगों में उनकी अकादमिक रुचि जॉर्जिया विश्वविद्यालय में शुरू हुई। यहां उन्होंने गर्भावस्था के दौरान मलेरिया का अध्ययन किया। दूसरा मौका उन्हें ड्यूक यूनिवर्सिटी में मिला, जब उन्होंने जलवायु परिवर्तन के साथ स्वास्थ्य पर अध्ययन को कैसे व्यवस्थित करते हुए चिकित्सा क्षेत्र में नवाचार किया जा सकता है, इस पर जोर दिया है।
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