भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को पाकिस्तानी आतंकवाद को लेकर एक बड़ा बयान देते हुए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से पाकिस्तान को दिए गए $1 बिलियन लोन पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा, "पाकिस्तान को दी गई IMF सहायता वास्तव में आतंकवाद के ढांचे को मज़बूत करने में इस्तेमाल हो सकती है। यह किसी भी रूप में आर्थिक मदद नहीं, बल्कि आतंक को फंडिंग है।" उन्होंने यह बयान पश्चिमी भारत के एक वायुसेना अड्डे पर जवानों को संबोधित करते हुए दिया।
भारत-पाकिस्तान में बढ़ा तनाव, IMF की मदद पर विवाद
हाल ही में भारत और पाकिस्तान के बीच दशकों बाद की सबसे बड़ी सैन्य झड़प हुई, जिसमें करीब 70 लोगों की मौत हुई। ये टकराव कश्मीर में विदेशी पर्यटकों पर हुए हमले के बाद शुरू हुआ, जिसमें भारत ने पाकिस्तान पर हमलावरों को समर्थन देने का आरोप लगाया जिसे पाकिस्तान ने खारिज किया है। बावजूद इसके, IMF ने पिछले हफ्ते पाकिस्तान के साथ अपने लोन प्रोग्राम की समीक्षा पूरी कर $1 अरब की किस्त जारी कर दी है। इसके साथ ही जलवायु लचीलापन कोष से अतिरिक्त $1.4 अरब की मदद भी मंजूर की गई है।
भारत ने IMF वोट से बनाई दूरी, पाकिस्तान ने बताया ‘हताशा’
भारत ने IMF बोर्ड में वोटिंग से दूरी बनाई और वित्त मंत्रालय की ओर से कहा गया कि पाकिस्तान के खराब रिकॉर्ड को देखते हुए IMF की योजनाओं की प्रभावशीलता पर गंभीर सवाल हैं।" हीं पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने भारत की आपत्ति को "हताशा की निशानी" बताते हुए कहा कि "भारत अकेला देश था जिसने इसका विरोध किया और नाकाम रहा।"
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पाकिस्तान के परमाणु हथियार खतरे में
रक्षा मंत्री ने चेतावनी दी कि "पाकिस्तान में सरकार और आतंकवाद एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। ऐसे में परमाणु हथियारों का आतंकी हाथों में पहुंच जाना पूरी दुनिया के लिए खतरा है।" न्होंने संयुक्त राष्ट्र परमाणु ऊर्जा एजेंसी से पाकिस्तान के परमाणु जखीरे पर नजर रखने की मांग की। जवाब में पाकिस्तान ने भारत के परमाणु ‘ब्लैक मार्केट’ की जांच की मांग कर डाली।
पाकिस्तान की चेतावनी
इस्लामाबाद में ब्रिटेन के विदेश सचिव डेविड लैमी और पाकिस्तानी विदेश मंत्री इशाक डार की मुलाकात के बीच पाकिस्तान में सैन्य बलों के समर्थन में समारोह आयोजित किए गए। प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ ने कहा, "पाकिस्तान की सेना हर इंच की रक्षा के लिए तैयार है। कोई भी आक्रामकता मुंहतोड़ जवाब पाएगी।"
कश्मीर बना संघर्ष का केंद्रबिंदु
2019 में भारत द्वारा जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने के बाद से, घाटी में आतंकी गतिविधियों में तेजी देखी गई है। यह इलाका आज भी भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष का मुख्य केंद्र बना हुआ है।
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