यूक्रेन में युद्ध ने ऊर्जा की कीमतों में भारी वृद्धि और ऊर्जा बाजारों में उल्लेखनीय अस्थिरता पैदा की है। ऊर्जा आपूर्ति में व्यवधान और रूसी ऊर्जा क्षेत्र पर बढ़ते कड़े प्रतिबंधों की आशंकाओं के बीच, कीमतों में उतार-चढ़ाव आया है, खासकर तब जब बाजार वैश्विक ऊर्जा आपूर्ति पर संभावित प्रभावों का आकलन करने की कोशिश कर रहे हैं। रूस यूक्रेन के बीच संघर्ष के चलते यूरोपियन क्षेत्र के ऊर्जा बाजार विशेष रूप से प्रभावित हुए हैं।
विदेश व्यापार में हाल के वर्षों में चल रहे अस्थिरता के दौर में अलास्का में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के साथ राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की वार्ता अहम मानी जा रही है। अनुमान लगाया जा रहा है कि रूसी तेल निर्यात पर आगे अमेरिकी प्रतिबंधों और टैरिफ का खतरा कम हो चुका है। इस बात का अंदाजा इसी बात लगाया जा सकता है कि ब्रेंट क्रूड की कीमतों में 0.3 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। इसके साथ ही तेल की कीमतों में मामूली गिरावट भी दर्ज की गई।
ऐसे में यूरोप समेत वैश्विक बाजारों के मौजूदा हालात काफी अजीबोगरीब हैं। इस बीच राष्ट्रपति ट्रम्प का रूस के बायनों के समर्थन में ट्वीट अहम हो जाता है। जिसमें वे यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से रूस के साथ युद्ध को तुरंत खत्म करने की अपील की के साथ यह कह रहे हैं कि जेलेंस्की चाहें तो इस जंग को रोक सकते हैं। उन्होंने कहा कि यूक्रेन को न तो क्रीमिया वापस मिलेगा और न ही नाटो में शामिल होने की इजाजत मिलेगी। यही नहीं ट्रंप ने जेलेंस्की को रूस के साथ बातचीत करने की सलाह भी दे डाली।
वहीं दूसरी ओर जियोपॉलिटिक्स भी तेज है। टैरिफ वॉर के बीच रूस की यूरोप और अमेरिका के बीच तनातनी में थोड़ा नरमी दिखी। दूसरी ओर मिडिल ईस्ट में शांति बहाली की उम्मीदें हैं। इस बीच अलास्का में ट्रम्प और पुतिन के बैठक के बाद बाजारों में एक उम्मीद जगी है। हालांकि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अपने दावे से पीछे नहीं हट रहे। उनका कहना है कि यूक्रेन उन सभी एरिया पर अपना दावा खत्म करे, जिस पर रूस ने कब्जा जमा लिया है।
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इस बीच यूक्रेन के राष्ट्रपित वोलोदिमीर जेलेंस्की के साथ यूरोपीय नेताओं ने इसे खारिज कर दिया। इस बीच जेलेंस्की विरंग में राष्ट्रपति ट्रम्प से मुलाकात कर रहे हैं।
वहीं दूसरी ओर जापान, ताइवान, चीन के शेयर बाजार मजबूत स्थिति में हैं। दरअसल, ब्लूचिप कंपनियां यहां 10 महीने के उच्चतम स्तर पर हैं। यूरोपीय शेयर वायदा कारोबार लगभग 0.2 प्रतिशत बढ़ा है। वहीं गोल्डमैन के अनुसार, एसएंडपी 500 के प्रति शेयर आय (ईपीएस) में इस साल 11 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। जबकि 58 प्रतिशत कंपनियों ने अपने पूरे साल के अनुमान में वृद्धि की है।
इस हफ्ते उपभोक्ता खर्च को लेकर होम डिपो, टारगेट, लोव्स और वॉलमार्ट सभी ने अपनी रिपोर्ट दी है। मौद्रिक नीति के लिए मुख्य कार्यक्रम फ़ेडरल रिज़र्व का जैक्सन होल जम्बोरी होगा, जहां 15 अगस्त को आर्थिक दृष्टिकोण और फेडरल रिज़र्व के नीतिगत ढांचे पर चर्चा की जाएगी। ECB अध्यक्ष क्रिस्टीन लेगार्ड और बैंक ऑफ इंग्लैंड के गवर्नर एंड्रयू बेली भी इस पैनल में शामिल होंगे।
बता दें कि सितंबर में फेड द्वारा ब्याज दरों में कटौती के लिए वायदा बाजार की कीमतें लगभग 85 प्रतिशत तय की , इसलिए पॉवेल की ओर से नरम रुख से कम कोई भी कदम ऋण बाजारों के लिए झटका होगा।
फेडरल रिजर्व की उम्मीदें इस बदलाव पर टिकी हैं। लेकिन दीर्घकालिक मुद्रास्फीति, बजट घाटे और मौद्रिक नीति के राजनीतिकरण को लेकर दबाव बना हुआ है। वहीं यूरोपीय बॉन्ड प्रतिफल (Bond Yield) भी बढ़ रहे हैं। ऐसे में सरकारों को बढ़ते रक्षा खर्च को पूरा करने के ऋण लेना होगा।
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