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कभी जंग, कभी बातचीत: भारत-पाक टकराव में किसका पलड़ा भारी

भारत और पाकिस्तान के तनावपूर्ण इतिहास में यह नया अध्याय है। दोनों के बीच सैन्य टकराव और राजनयिक विवाद कोई नई बात नहीं है।

भारतीय जवान /

भारत और पाकिस्तान ने शनिवार को एक बार फिर संघर्षविराम पर सहमति जताई, जिससे दोनों देशों के बीच जारी सैन्य संघर्ष को विराम मिला। यह सहमति चार दिनों तक चली एयरस्ट्राइक्स और जवाबी हमलों के बाद अमेरिकी मध्यस्थता से संभव हो पाई।

यह घटनाक्रम भारत और पाकिस्तान के तनावपूर्ण इतिहास में एक और अध्याय जोड़ता है, जहां सैन्य टकराव और राजनयिक विवाद कोई नई बात नहीं है।

1999 – करगिल युद्ध:
कारगिल क्षेत्र में पाकिस्तान समर्थित घुसपैठियों द्वारा नियंत्रण रेखा (LoC) पार कर कब्ज़ा करने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच भीषण लड़ाई हुई। अमेरिका के दबाव में पाकिस्तान को पीछे हटना पड़ा।

2001 – संसद हमला:
नई दिल्ली में भारतीय संसद पर आतंकी हमला हुआ, जिसमें 9 लोग मारे गए। भारत ने इसके पीछे जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे पाकिस्तान आधारित आतंकी संगठनों को जिम्मेदार ठहराया।

2008 – मुंबई हमला:
10 आतंकी समुद्री रास्ते से मुंबई पहुंचे और 166 लोगों की जान ली। इसके बाद भारत ने पाकिस्तान से सभी बातचीत बंद कर दी।

यह भी पढ़ें- भारत-पाक युद्धविराम को लेकर बड़ा दावा, US एक्सपर्ट्स ने क्या कहा?

2016 – उरी हमला और सर्जिकल स्ट्राइक:
उरी में 18 भारतीय सैनिकों की हत्या के बाद भारत ने सीमा पार आतंकी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक किया। पाकिस्तान ने भारतीय कार्रवाई से इनकार किया।

2019 – पुलवामा हमला और बालाकोट एयरस्ट्राइक:
एक आत्मघाती हमले में 40 सीआरपीएफ जवान शहीद हुए। भारत ने बालाकोट में आतंकी ठिकानों पर हवाई हमला किया, जवाब में पाकिस्तान ने भी एयरस्ट्राइक की और एक भारतीय विमान को गिराने का दावा किया।

2019 – अनुच्छेद 370 हटाया गया:
भारत ने जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त किया, जिसके बाद पाकिस्तान ने राजनयिक और व्यापारिक संबंध सीमित कर दिए।

2025 – अप्रैल हमले और बढ़ता तनाव:
कश्मीर में हिंदू तीर्थयात्रियों पर हमले में 26 की मौत के बाद भारत ने पाकिस्तान समर्थित संगठनों पर आरोप लगाया। जवाब में भारत ने सिंधु जल संधि को निलंबित किया, जबकि पाकिस्तान ने भारत के साथ सभी व्यापारिक रिश्ते तोड़ दिए।

मई 2025 – सैन्य टकराव और युद्ध का खतरा:
भारत ने पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर में कथित आतंकी ठिकानों पर हमले किए। चार दिन तक दोनों देशों के सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमले होते रहे। अंततः, अमेरिका के हस्तक्षेप से दोनों देशों ने 10 मई को संघर्षविराम पर सहमति जताई।

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