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Carl Camras Awards: भारतीय अमेरिका को बड़ा सम्मान, अंधेपन के इलाज पर किया काम

चिकित्सा क्षेत्र में अहम शोध करने वाले शोधकर्ता को सुब्रत बटाब्याल टेक्सास स्थित नैनोस्कोप थेरेप्यूटिक्स में वर्तमान में नॉनक्लिनिकल डेवलपमेंट के निदेशक हैं। वे नैनोस्कोप के जीन थेरेपी प्लेटफ़ॉर्म के लिए प्री-क्लिनिकल रिसर्च पर काम कर रहे हैं। वर्तमान में बटाब्याल बायोफोटोनिक्स में पोस्टडॉक्टरल रिसर्च, वे ऑप्टोजेनेटिक्स, जीन डिलीवरी और न्यूरोनल एक्टिवेशन के ऑप्टिकल डिटेक्शन पर फोकस कर रहे हैं।

Subrata Batabyal /

भारतीय मूल के अमेरिकी शोधकर्ता को सुब्रत बटाब्याल कार्ल कैमरस ट्रांसलेशनल रिसर्च अवार्ड 2025 (Carl Camras Translational Research Award 2025) से सम्मानित किया गया है। 12,000 डॉलर का यह पुरस्कार ट्रांसलेशनल रिसर्च के क्षेत्रों में काम करने वाले शुरुआती करियर के अन्वेषकों को प्रतिवर्ष दिया जाता है। इस बार यह अवार्ड बटाब्याल को वंशानुगत रेटिना रोगों से अंधेपन के उपचार पर काम करने के लिए दिया गया है।  

चिकित्सा क्षेत्र में अहम शोध करने वाले शोधकर्ता को सुब्रत बटाब्याल टेक्सास स्थित नैनोस्कोप थेरेप्यूटिक्स में वर्तमान में नॉनक्लिनिकल डेवलपमेंट के निदेशक हैं। कार्ल कैमरस ट्रांसलेशनल रिसर्च अवार्ड मिलने के बाद खुशी व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा,  "एआरवीओ 2025 कार्ल कैमरस ट्रांसलेशनल रिसर्च अवार्ड पाकर मैं बहुत सम्मानित महसूस कर रहा हूं। मैं वंशानुगत रेटिना रोगों से पीड़ित रोगियों के लिए जीन थेरेपी को आगे बढ़ाने और अभिनव उपचार विकल्प विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध हूं।"

रेटिना पर बुटब्याल की रिसर्च में क्या है खास?

अपने शोध के बारे में बटब्याल ने कहा, "हमारा दृष्टिकोण एक परिवेशी प्रकाश-संवेदी प्रोटीन - मल्टी-कैरेक्टरिस्टिक ऑप्सिन (MCO) का उपयोग करता है, जो क्षतिग्रस्त रेटिना में शेष स्वस्थ कोशिकाओं को प्रकाश के प्रति संवेदनशील बनाता है। यह थेरेपी नियमित दिन के उजाले में काम करती है, इसके लिए किसी विशेष उपकरण की आवश्यकता नहीं होती है, और इसने नैदानिक ​​परीक्षणों में आशाजनक परिणाम दिखाए हैं, जो विरासत में मिले अंधेपन के विभिन्न रूपों वाले रोगियों के लिए आशा की किरण है।"

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बता दें बटाब्याल नैनोस्कोप के जीन थेरेपी प्लेटफ़ॉर्म के लिए प्री-क्लिनिकल रिसर्च और परख विकास का नेतृत्व करते हैं। बायोमॉलिक्यूलर इंटरैक्शन की जांच करने वाले रसायन विज्ञान में पीएचडी, उसके बाद बायोफोटोनिक्स में पोस्टडॉक्टरल रिसर्च, वे ऑप्टोजेनेटिक्स, जीन डिलीवरी और न्यूरोनल एक्टिवेशन के ऑप्टिकल डिटेक्शन पर फोकस कर रहे हैं।

हाल में बटाब्याल को जिस संस्था की ओर सम्मानित किया गया उसका नाम एसोसिएशन फॉर रिसर्च इन विज़न एंड ऑप्थल्मोलॉजी (ARVO) है। इस संस्था की ओर से अवार्ड कार्यक्रम का उद्देश्य उन युवा शोधकर्ताओं की पहचान करना है, जिन्होंने शोध के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। इसके साथ ही एआरवीओ मौलिक वैज्ञानिक खोजों, अवधारणाओं और नवीन तकनीकों को भी बढ़ावा देने का कार्य करता है। 

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