वैश्विक शक्ति संरचना में एक शांत परिवर्तन चल रहा है। युद्ध या प्रभुत्व से नहीं, बल्कि प्रासंगिकता (Relevance) से। एक सच्चाई पहले से कहीं ज्यादा स्पष्ट रूप से उभर रही है। संयुक्त राज्य अमेरिका भारत को खोने का जोखिम नहीं उठा सकता। इसलिए नहीं कि भारत अमेरिका पर निर्भर है, बल्कि इसलिए कि अमेरिका आर्थिक, रणनीतिक और तकनीकी रूप से भारत पर लगातार निर्भर होता जा रहा है। यह गठबंधन या भावना का मामला नहीं है। यह जरूरत का मामला है।
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