सैन-जोस स्थित Zscaler के सीईओ और सह-संस्थापक जय चौधरी ने आईटी सेक्टर में भारत की तरक्की की सराहना करते हुए कहा है कि भारत आईटी क्षेत्र के विकास में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। भारत की वजह से दुनिया को कई समस्याओं का समाधान खोजने में मदद मिल रही है।
जय चौधरी ने सैंटा क्लैरा में आयोजित TiECon सम्मेलन के इतर एक इंटरव्यू में कहा कि जब मैंने Zscaler शुरू की थी तो सिलिकॉन वैली में ऑफिस से पहले बेंगलुरु में दफ्तर खोला था। आज हमारे लगभग 40% कर्मचारी भारत में हैं। बेंगलुरु, चंडीगढ़, पुणे और हैदराबाद में काफी काम किया गया है। वहां शानदार लोग हैं, बस आपको उन्हें खोजने की जरूरत है। एक बार जब आप ऐसा कर लेंगे तो बहुत अच्छा काम ले सकते हैं, वो भी किफायत के साथ।
TiECon को दुनिया में उद्यमियों का सबसे बड़ा सम्मेलन माना जाता है। इसकी शुरुआत 2008 में हुई थी। तभी से इसे TiE सिलिकॉन वैली ग्रुप के प्रमुख वार्षिक सम्मेलनों में से एक के रूप माना जाता है।
जय चौधरी ने कहा कि मुझे लगता है कि भारत सरकार खासकर नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार भारत में टेक अनुकूल माहौल बनाने में बहुत अच्छी भूमिका निभा रही है। आप किसी भी बड़ी हाई-टेक कंपनी में देखें, चाहे वो Zscaler हो या Microsoft या फिर Google, भारत के लोग सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट से लेकर मैनेजर और निदेशकों से लेकर सीईओ तक अहम पदों पर मौजूद हैं।
उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए है क्योंकि भारत के लोगों की गणित अच्छी होती है। हमारे पास अच्छे स्कूल हैं। कुछ टॉप स्कूल तो बहुत अच्छे हैं। वहां के लोग काफी मेहनती हैं, भावुक हैं। वे लोग अपनी पहचान बनाने के लिए वहां से बाहर निकलना चाहते हैं।
चौधरी ने माना कि भारत अगर कारोबार में आसानी से जुड़ी समस्याओं में सुधार कर ले तो वहां के उद्यमी और भी बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि पहला काम जो भारत सरकार को करना चाहिए, वह है उद्यमियों का रास्ता आसान करना।
उनका कहना था कि एक समय था जब लाइसेंस राज चला करता था। हर काम के लिए लाइसेंस जरूरी होता था। अब इसे खत्म कर दिया गया है। इसका फायदा भी मिल रहा है। हार्डवेयर में चाहे एप्पल हो या सैमसंग, कई उच्च प्रौद्योगिकी वाली कंपनियां वहां जा रही हैं। सरकार कंपनियों के लिए एक इकोसिस्टम बना रही है। यह अच्छी बात है।
Zscaler के सीईओ ने कहा कि भारतीय कंपनियों को थोड़ी सलाह और गाइडेंस मिले तो वो और भी आगे जा सकती हैं। यह समझने के लिए भारतीय कंपनियों को अमेरिकी कनेक्शनों का लाभ उठाना होगा। उन्हें सीखना होगा कि आप भारत में बनाए गए सॉफ्टवेयर पूरी दुनिया में किस तरह बेच सकते हैं।
चौधरी ने कहा कि अभी भी कई काम करना बाकी है। सरकार को बहुत ज्यादा कुछ करने की जरूरत नहीं है। मुझे लगता है कि टीआईई जैसे संगठन बड़ी भूमिका निभा सकते हैं और वे इस क्षेत्र में कुछ अच्छा काम कर रहे हैं।
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