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UNHRC में पहली भारतीय एशियाई विशेष दूत अश्विनी ने कहा, मैंने भी झेला है भेदभाव

अश्विनी का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व है लेकिन विदेशी नागरिक ही इन लोगों को चुनते हैं। यह उनकी आवाज है जिसका सामूहिक रूप से एक भारतीय प्रतिनिधित्व करता है। यह वास्तव में भारतीय प्रतिनिधित्व नहीं है।

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