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ट्रम्प जूनियर बोले – संभव है एक दिन राष्ट्रपति चुनाव लड़ूं

ट्रम्प जूनियर ने कहा कि शायद वह कभी भी भविष्य में कभी राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ सकते हैं।

ट्रम्प जूनियर / Reuters

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के सबसे बड़े बेटे डोनाल्ड ट्रम्प जूनियर ने बुधवार को संकेत दिया कि वह भविष्य में कभी राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ सकते हैं। कतर इकोनॉमिक फोरम के एक पैनल में शामिल होते हुए उनसे पूछा गया कि क्या वह अपने पिता के बाद नेतृत्व संभालने के बारे में सोचते हैं।

इस सवाल के जवाब में ट्रम्प जूनियर ने कहा, "तो जवाब है – मुझे नहीं पता। शायद एक दिन, अगर वह पुकार आए। मैं हमेशा ‘मेक अमेरिका ग्रेट अगेन’ मूवमेंट के विचारों का मुखर समर्थक रहूंगा।"

47 वर्षीय डोनाल्ड ट्रम्प जूनियर बीते वर्षों में अमेरिकी राजनीति में एक प्रभावशाली चेहरा बनकर उभरे हैं। रॉयटर्स की नवंबर की रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रम्प प्रशासन के गठन के दौरान वे सबसे प्रभावशाली ट्रम्प फैमिली सदस्य थे। उन्होंने उपराष्ट्रपति जेडी वेंस को प्रमोट किया और पूर्व विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ को कैबिनेट में शामिल होने से रोकने में भी भूमिका निभाई।

उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि मेरे पिता ने रिपब्लिकन पार्टी को पूरी तरह बदल दिया है। अब यह 'अमेरिका फर्स्ट' या 'MAGA पार्टी' बन चुकी है। पहली बार रिपब्लिकन पार्टी के पास सच्चे अमेरिका फर्स्ट योद्धाओं की टीम है।"

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पैनल में उनके साथ बैठे 1789 कैपिटल के संस्थापक ओमीद मलिक की मौजूदगी में जब उनसे राष्ट्रपति बनने के बारे में पूछा गया तो ट्रम्प जूनियर पहले मुस्कराए और बोले, "लो शुरू हो गया... ओह बॉय।" दर्शकों की हल्की तालियों के बीच उन्होंने जोड़ा, "यह सवाल पूछा जाना मेरे लिए सम्मान की बात है, और यह देखना भी कि कुछ लोग इसे लेकर ठीक महसूस करते हैं।" उन्होंने मज़ाक करते हुए कहा, "ताली बजाने वाले वही कुछ लोग हैं जिन्हें हम जानते हैं।"

डोनाल्ड ट्रम्प जूनियर 1789 कैपिटल में पार्टनर हैं और ट्रम्प ऑर्गनाइजेशन में एग्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट के पद पर कार्यरत हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि फिलहाल ट्रम्प ऑर्गनाइजेशन किसी भी सरकारी संस्था के साथ व्यापार नहीं कर रहा।

गौरतलब है कि ट्रम्प परिवार ने खाड़ी देशों में अरबों डॉलर के व्यापारिक सौदे किए हैं, जिसे डेमोक्रेट्स और आलोचक संभावित हितों के टकराव का कारण मानते हैं। बीते हफ्ते राष्ट्रपति ट्रम्प की सऊदी अरब, कतर और यूएई की यात्रा का मुख्य उद्देश्य भी इन तेल-समृद्ध देशों से बड़े व्यापारिक समझौते हासिल करना था।

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