इंडियाना स्थित Purdue University के सहायक प्रोफेसर कार्तिक नारायणन और उनकी टीम को अमेरिकी नेशनल साइंस फाउंडेशन (NSF) ने $7 मिलियन का ग्रांट प्रदान किया है। इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य टिकाऊ और पुन: उपयोग योग्य बायोप्लास्टिक विकसित करना है, जो पारंपरिक पेट्रोलियम-आधारित प्लास्टिक का पर्यावरण-सुरक्षित विकल्प बन सके।
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प्रोजेक्ट का उद्देश्य?
इस तीन साल के प्रोजेक्ट में टीम नए एंजाइम विकसित करेगी, जो विभिन्न बायोमैटेरियल को बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक में बदलने में सक्षम होंगे। टीम का लक्ष्य ऐसे प्लास्टिक विकसित करना है जो मजबूत और लचीले हों, परंतु पेट्रोलियम आधारित रसायनों की जगह स्थानीय उपलब्ध कृषि उत्पादों जैसे कॉर्न, शुगर या कृषि अपशिष्ट का उपयोग करें।
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