भारत में एयर इंडिया फ्लाइट AI171 क्रैश में जहां 241 लोगों की मौत हो गई, वहीं 11A सीट पर बैठे यात्री विश्वेशकुमार रमेश चमत्कारिक रूप से बच गए। उनके पास आपातकालीन दरवाजा था और वह क्रैश के कुछ सेकंड बाद ही बाहर निकल पाए। लेकिन क्या 11A सीट सबसे सुरक्षित मानी जा सकती है?
हर हादसा अलग होता है
विशेषज्ञों के मुताबिक किसी खास सीट को हमेशा 'सबसे सुरक्षित' नहीं कहा जा सकता। फ्लाइट सेफ्टी फाउंडेशन के निदेशक मिशेल फॉक्स ने कहा, "हर हादसा अलग होता है, सीट की लोकेशन से जीवित बचने की गारंटी नहीं होती।"
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इस बार 11A सबसे सुरक्षित थी
सिडनी स्थित एविएशन विशेषज्ञ रॉन बार्ट्सच के अनुसार, "इस विशेष फ्लाइट में क्योंकि 11A सीट आपातकालीन दरवाजे के पास थी, इसलिए यह सबसे सुरक्षित साबित हुई। लेकिन हर फ्लाइट में ऐसा नहीं होता।" 2007 की एक स्टडी के मुताबिक विमान के पिछले हिस्से में बैठने वालों की जीवित बचने की संभावना अधिक होती है। वहीं विंग सेक्शन को भी स्थिरता के लिए बेहतर माना जाता है।
सुरक्षा नियमों का पालन जरूरी
विशेषज्ञों का मानना है कि सेफ्टी ब्रीफिंग ध्यान से सुनना, सीट बेल्ट और इमरजेंसी प्लानिंग का पालन करना आपकी सुरक्षा को कई गुना बढ़ा सकता है। ऐसे दरवाजे के पास बैठने से बाहर निकलने का पहला मौका मिलता है, लेकिन अगर दरवाजा काम न करे या ब्लॉक हो, तो यह भी काम नहीं आता।
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