इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल (IAMC) ने बुधवार को दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा फरवरी 2020 में हुई दिल्ली हिंसा से जुड़े उमर खालिद, शरजील इमाम और सात अन्य कार्यकर्ताओं को जमानत देने से इनकार करने पर चिंता व्यक्त की और इस फैसले को 'न्याय की गंभीर विफलता' बताया।
IAMC के अध्यक्ष मोहम्मद जवाद ने एक बयान में कहा कि ये कार्यकर्ता अब बिना किसी मुकदमे के पांच साल जेल में बिता चुके हैं। यह एक ऐसी वास्तविकता है जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक दशक लंबे शासन में भारत में उचित प्रक्रिया और लोकतांत्रिक स्वतंत्रता के गहरे क्षरण को रेखांकित करती है।
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