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फ्री ट्रेड डील पर EU के प्रस्ताव पर भारत का कड़ा रुख, संप्रभुता पर जताई चिंता

यूरोपीय संघ चाहता है कि भारत में पूंजी के आने-जाने पर फैसलों में उसे भी दखल दिया जाए। भारत ने इसे साफ तौर पर खारिज कर दिया है।

प्रतीकात्मक तस्वीर / pexles

भारत और यूरोपीय संघ (EU) के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) को लेकर बातचीत जारी है, लेकिन एक विवादित प्रस्ताव को लेकर भारत ने कड़ा रुख अपनाया है। यूरोपीय संघ चाहता है कि भारत में पूंजी के आने-जाने (capital flows) पर फैसलों में उसे भी दखल दिया जाए। भारत ने इसे साफ तौर पर खारिज कर दिया है।

EU क्या चाहता है?
EU ने एक ऐसा प्रस्ताव रखा है, जिसमें वह चाहता है कि भारत अगर किसी वित्तीय संकट के समय पूंजी के आने-जाने पर कोई रोक लगाता है, तो EU की एक निगरानी समिति उस फैसले की समीक्षा कर सके। यानी भारत आर्थिक संकट के समय भी अगर कोई सख्त कदम उठाए, तो उस पर EU सवाल उठा सके।

भारत को क्यों आपत्ति?
भारत का कहना है कि यह उसकी संप्रभुता में दखल है। संकट के समय देश को खुद निर्णय लेने की पूरी आजादी होनी चाहिए। अगर EU की समिति भारत के फैसलों को पलट सकती है, तो यह अनुचित और एकतरफा होगा। एक सरकारी अधिकारी ने बताया, “अगर हम किसी वित्तीय संकट में हैं, तो हमें स्वतंत्र रूप से फैसले लेने की ज़रूरत है। EU का प्रस्ताव उस आजादी को कम करता है।”

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EU खुद के लिए क्यों रख रहा है अधिकार?
EU ने प्रस्ताव में ये भी जोड़ा है कि वह भी संकट के समय पूंजी को बाहर जाने से रोक सकेगा। लेकिन भारत को वैसा अधिकार स्पष्ट तौर पर नहीं मिल रहा है। भारत का कहना है कि यह प्रस्ताव असंतुलित है।

दूसरे देशों के साथ ऐसा नहीं
भारत ने यह भी कहा कि EU ने वियतनाम, सिंगापुर और दक्षिण कोरिया जैसे देशों के साथ जब FTA साइन किया था, तब दोनों पक्षों को बराबर अधिकार मिले थे कि वे संकट के समय पूंजी पर रोक लगा सकें। लेकिन भारत के साथ ऐसा नहीं हो रहा है।

FTA पर बातचीत क्यों अटकी है?
भारत और यूरोपीय संघ के बीच व्यापार समझौते को लेकर कई मुद्दों पर मतभेद हैं। EU चाहता है कि भारत कारों और डेयरी उत्पादों पर आयात शुल्क कम करे, वहीं वह सख्त पर्यावरण और श्रम (मजदूरी) नियमों को भी लागू करवाना चाहता है। दूसरी ओर, भारत की कोशिश है कि इन शर्तों से उसके किसानों और छोटे उद्योगों को नुकसान न हो। भारत का कहना है कि वह ऐसा समझौता नहीं करेगा जिसमें उसे घरेलू नीतियों पर EU की अनुमति लेनी पड़े।

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