यहूदी-विरोधी भावना से निपटने के लिए एक ऑस्ट्रेलियाई रिपोर्ट में उन विश्वविद्यालयों के लिए धन में कटौती की सिफ़ारिश की गई है जो यहूदी छात्रों की सुरक्षा करने और वीज़ा आवेदकों व गैर-नागरिकों की अतिवादी विचारों के लिए जांच करने में विफल रहते हैं।
ऑस्ट्रेलिया की यहूदी-विरोधी भावना पर विशेष दूत जिलियन सेगल के नेतृत्व में यह योजना, 2023 के अंत में गाजा में इज़राइल के युद्ध की शुरुआत के बाद से ऑस्ट्रेलिया भर में यहूदी-विरोधी घटनाओं में तेज़ी से हुई वृद्धि को देखते हुए बनाई गई है।
यह रिपोर्ट शिक्षा, सार्वजनिक संस्थानों, ऑनलाइन माध्यमों, मीडिया और आव्रजन क्षेत्र में व्यापक सुधारों का प्रस्ताव करती है ताकि यहूदी-विरोधी भावना को समाज के हाशिये पर धकेला जा सके।
सेगल ने 10 जुलाई को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यह योजना व्यापक है और इसमें कई ऐसे क्षेत्र शामिल हैं जहां तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता है। सेगल ने कहा कि हमने कारों को आग लगाते, आराधनालयों को जलाते, यहूदियों को परेशान और उन पर हमला होते देखा है। यह पूरी तरह से अस्वीकार्य है।
प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज़ ने कहा कि सरकार इस योजना का स्वागत करती है और सेगल की सिफारिशों पर विचार करेगी। सेगल ने कहा ऐसी कई चीज़ें हैं जिन्हें जल्दी लागू किया जा सकता है। ऐसी कई चीज़ें हैं जिन पर समय के साथ काम करने की ज़रूरत होगी। इस पर सरकार को सभी स्तरों पर नागरिक समाज के साथ मिलकर काम करने की जरूरत है।
सेगल को जुलाई 2024 में यहूदी-विरोधी भावना से निपटने की रणनीति विकसित करने के लिए ऑस्ट्रेलिया का विशेष दूत नियुक्त किया गया था और उनकी रिपोर्ट मेलबर्न के एक आराधनालय पर आगजनी की घटना के कुछ दिनों बाद आई है।
रिपोर्ट में विश्वविद्यालयों को सुधार के केंद्र बिंदु के रूप में चिन्हित किया गया है और चेतावनी दी गई है कि यहूदी-विरोधी भावना शिक्षा जगत, विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रमों और परिसरों में 'जड़ और सामान्य' हो गई है।
इसमें विश्वविद्यालयों को एक 'रिपोर्ट कार्ड' प्रणाली अपनाने की सिफ़ारिश की गई है जो यह आकलन करे कि उनके परिसर यहूदी छात्रों और कर्मचारियों के लिए सुरक्षित हैं या नहीं।
देश के 39 विश्वविद्यालयों का प्रतिनिधित्व करने वाली यूनिवर्सिटीज़ ऑस्ट्रेलिया ने टिप्पणी के अनुरोध का तुरंत जवाब नहीं दिया। फ़रवरी में, इसके सदस्य सेगल के साथ परामर्श के बाद यहूदी-विरोध की एक नई परिभाषा अपनाने पर सहमत हुए थे।
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