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80 साल बाद 'ट्रिनिटी टेस्ट' की गूंज, US सीनेट में उठी न्यूक्लियर होड़ रोकने की मांग

इस प्रस्ताव को अमेरिकी सीनेट में हाउस रिजॉल्यूशन 317 के रूप में पेश किया गया है, जिसकी अगुवाई जिम मैकगवर्न ने की थी।

व्हाइट हाउस /

80 साल पहले 16 जुलाई 1945 को अमेरिका ने न्यू मैक्सिको के रेगिस्तान में पहला परमाणु परीक्षण किया था — ‘ट्रिनिटी टेस्ट’। इस ऐतिहासिक घटना की 80वीं वर्षगांठ पर अमेरिकी सीनेट में एक नया प्रस्ताव पेश किया गया है, जिसमें वैश्विक परमाणु हथियारों की होड़ को रोकने और पलटने की अपील की गई है।

सीनेटर एडवर्ड जे. मार्की (डेमोक्रेट, मैसाचुसेट्स) की अगुवाई में लाए गए इस प्रस्ताव (S. Res. 323) में अमेरिका से अपील की गई है कि वह परमाणु हथियारों के नियंत्रण में वैश्विक नेतृत्व करे। इसमें भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को विशेष रूप से संभावित परमाणु संघर्ष का खतरनाक ट्रिगर बताया गया है।

'न्यूक्लियर हथियारों पर पहला हमला न करे अमेरिका'
इस प्रस्ताव को अमेरिकी सीनेट में हाउस रिजॉल्यूशन 317 के रूप में पेश किया गया है, जिसकी अगुवाई जिम मैकगवर्न ने की थी। इसमें राष्ट्रपति से अपील की गई है कि अमेरिका रूस और चीन के साथ मिलकर परमाणु हथियारों में कटौती करे, 'पहले परमाणु हमला न करने' की नीति अपनाए, राष्ट्रपति की एकतरफा परमाणु हमले की ताकत सीमित करे, नए परमाणु हथियारों का विकास रोके और परमाणु परीक्षण पर लगी वैश्विक रोक को बनाए रखे। प्रस्ताव में भारत-पाकिस्तान जैसे तनावपूर्ण क्षेत्रों का हवाला देते हुए चेताया गया है कि अगर ऐसे किसी भी क्षेत्र में परमाणु संघर्ष हुआ, तो उसका विनाशकारी असर पूरी दुनिया पर पड़ेगा।

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