भारतीय राज्य मिजोरम ने दुनिया भर में अपने प्रवासी समुदायों के साथ संबंधों को मज़बूत करने के उद्देश्य से एक नए डिजिटल प्लेटफॉर्म का शुभारंभ किया है। मिजोरम के मुख्यमंत्री पु लालदुहोमा ने इस पोर्टल का अनावरण किया।
मिजो डायस्पोराहब पोर्टल, राज्य के बाहर और विदेशों में रहने वाले मिजो लोगों के लिए केंद्रीय मंच के रूप में कार्य करने के लिए डिजाइन किया गया है। इससे कल्याणकारी संघों और व्यक्तियों को पंजीकरण, संपर्क और समर्थन का अधिक प्रभावी ढंग से समन्वय करने में मदद मिलेगी।
लॉन्च के मौके पर सीएम ने कहा कि यह प्लेटफॉर्म न केवल एकता का प्रतीक है, बल्कि सामूहिक कल्याण और समय पर हस्तक्षेप सुनिश्चित करने का एक कार्यात्मक साधन भी है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि नया पोर्टल प्रवासी समुदायों के साथ, विशेष रूप से आपात स्थितियों के दौरान, निरंतर जुड़ाव बनाए रखने में मदद करेगा।
Delighted to launch the Mizo DiasporaHub Portal today — a new digital bridge connecting Mizos across the globe.
— Lalduhoma (@Lal_Duhoma) July 21, 2025
Developed by the Mizo Diaspora Cell in collaboration with @LushAITech, this platform will strengthen global ties, support welfare, and enable real-time communication.… pic.twitter.com/4zmknZRrZG
पोर्टल में स्वचालित अनुवाद, एसओएस अलर्ट, पदाधिकारियों और संघों की निर्देशिकाएं और सभा स्थलों का विवरण जैसे एआई-सक्षम उपकरण शामिल हैं। यह अब गूगल प्ले स्टोर गूगल एप स्टोर और वेब संस्करण पर उपलब्ध है।
मिजो डायस्पोरा सेल के अध्यक्ष, पु वनलालदीना फनाई ने कहा कि इस सेल की स्थापना 11 जून, 2024 को विदेशों में रहने वाले मिजो लोगों, विशेष रूप से अनियमित मार्गों से प्रवास करने वाले या शोषण के प्रति संवेदनशील लोगों, के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करने के लिए की गई थी। फनाई ने जिम्मेदार प्रवास और मातृभूमि के साथ घनिष्ठ संबंधों की आवश्यकता पर जोर दिया।
पोर्टल वर्तमान में कल्याणकारी संघों द्वारा पंजीकरण के लिए खुला है और जल्द ही व्यक्तिगत पंजीकरण की भी उम्मीद है। अपने दीर्घकालिक दृष्टिकोण के साथ इस प्लेटफ़ॉर्म का उद्देश्य आपातकालीन प्रतिक्रिया, सांस्कृतिक संरक्षण और प्रवासी-आधारित विकास को बढ़ावा देना है।
इसे मुख्यमंत्री कार्यालय के अंतर्गत मिजो डायस्पोरा सेल द्वारा लशएआईटेक के साथ साझेदारी में, बिना किसी महत्वपूर्ण सरकारी व्यय के विकसित किया गया है। मुख्यमंत्री ने इस सहयोग की सार्वजनिक सेवा नवाचार के लिए एक लागत-प्रभावी मॉडल के रूप में प्रशंसा की और वैश्विक मिजो समुदाय की सेवा करने वाले समाधान प्रदान करने में स्थानीय तकनीकी प्रतिभा की भूमिका पर जोर दिया।
अनुमान बताते हैं कि 2,00,000 से अधिक मिजो लोग मिजोरम के बाहर रहते हैं। इनमें भारत के अन्य हिस्से और पड़ोसी देश शामिल हैं। नए प्लेटफॉर्म से दूरियों को पाटने, पहचान को संरक्षित करने और जरूरत के समय समुदायों के लिए सहायता के समन्वय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की उम्मीद है।
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