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कनाडा की लिबरल पार्टी ने चंद्र आर्य की उम्मीदवारी रद्द की, नेताजी ने कहा- बेहद निराशाजनक

जनवरी में आर्य को ट्रूडो की जगह लेने के लिए लिबरल पार्टी के नेतृत्व की दौड़ में शामिल करने से रोक दिया गया था।

चंद्र आर्य / X image

लिबरल पार्टी ऑफ कनाडा ने नेपियन में आगामी संघीय चुनाव के लिए भारतीय मूल के राजनेता चंद्र आर्य की उम्मीदवारी रद्द कर दी है। यह निर्णय पार्टी की ग्रीन लाइट कमेटी द्वारा समीक्षा के बाद लिया गया। 

राष्ट्रीय अभियान के सह-अध्यक्ष एंड्रयू बेवन ने आर्य को लिखे पत्र में कहा कि ग्रीन लाइट कमेटी के अध्यक्ष द्वारा नई जानकारी की समीक्षा के आधार पर सावधानीपूर्वक विचार करने के बाद राष्ट्रीय अभियान के सह-अध्यक्ष उम्मीदवार के रूप में आपकी स्थिति को रद्द करने की सिफारिश कर रहे हैं।

तीन बार के सांसद आर्य 2015 से नेपियन का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। आर्य ने सोशल मीडिया पर एक बयान में इस कदम को 'बेहद निराशाजनक' बताते हुए इस निर्णय को राजनीति से प्रेरित बताया। 

उन्होंने कहा कि यह निर्णय हिंदू कनाडाई लोगों के लिए उनकी 'मुखर वकालत' और खालिस्तानी अलगाववाद के उनके विरोध के कारण लिया गया है। आर्य ने द ग्लोब एंड मेल को दिए एक बयान में कहा कि लिबरल पार्टी के साथ विवाद का एक मात्र मुद्दा हिंदू कनाडाई लोगों के लिए महत्वपूर्ण मुद्दों पर मेरी मुखर वकालत और खालिस्तानी चरमपंथ के खिलाफ मेरा दृढ़ रुख रहा है।

'ग्लोब एंड मेल' अखबार ने एक सूत्र के हवाले से कहा कि चंद्र आर्य पिछले साल अगस्त में भारत आए थे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले थे। उन्होंने इस यात्रा की जानकारी कनाडा सरकार को नहीं दी, जबकि कनाडा और भारत के संबंध उस समय तनावपूर्ण थे। कनाडाई खुफिया एजेंसी CSIS ने सरकार को बताया कि चंद्र आर्य के भारत सरकार और ओटावा स्थित भारतीय उच्चायोग से कथित करीबी संबंध हैं। हालांकि, पार्टी ने यह फैसला बिना खुफिया एजेंसी के सीधे सिफारिश के लिया।

यह भी पढ़ें : कनाडा : भारतीय मूल के चंद्र आर्य ने किया प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवारी का ऐलान, सब हैरान

चंद्र आर्य ने इन आरोपों को खारिज किया और कहा कि वे कई देशों के नेताओं और राजनयिकों से मिलते रहे हैं और इसके लिए उन्हें सरकार से अनुमति लेने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि मुझे इसलिए निशाना बनाया गया क्योंकि मैंने कनाडा में खालिस्तानी चरमपंथ के खिलाफ खुलकर बोला है। मैंने कनाडा में रहने वाले हिंदी समुदाय के मुद्दों पर भी जोर दिया है। 

गौरतलब है कि भारत और कनाडा के संबंध काफी समय से तनावपूर्ण चल रहे हैं। वर्ष 2023 में कनाडा के तत्कालीन प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने आरोप लगाया था कि भारत सरकार खालिस्तानी आतंकवाद हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में शामिल है। हालांकि, भारत ने इस आरोप को खारिज कर दिया था और जवाब में छह कनाडाई राजनयिकों को निष्कासित कर दिया था। 


 

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