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भारतीय-अमेरिकी से मिला दान बाइडेन की कैंपेन कमिटी ने किया फ्रीज, वजह जान लीजिए

गौरव श्रीवास्तव ने पिछले साल अप्रैल में बाइडेन विक्ट्री फंड में 50,000 डॉलर का दान दिया था। इस रकम को एस्क्रो खाते में डाल दिया गया है क्योंकि इस रकम के स्रोत और उसकी वैधता को लेकर चिंताएं सामने आई हैं। 

जो बाइडेन कैंपेन के लिए गौरव श्रीवास्तव ने मोटी रकम दान दी थी। / साभ

अमेरिका के आगामी राष्ट्रपति चुनाव में जो बाइडेन के फिर से निर्वाचन के लिए भारतीय मूल के एक अमेरिकी कारोबारी द्वारा दिए गए चंदे को फ्रीज कर दिया गया है। ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि उन्होंने गलत तरीके से खुद को सीआईए से जुड़ा बताया था। 

पोलिटिको के अनुसार, बाइडेन के प्रचार अभियान से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि गौरव श्रीवास्तव ने पिछले साल अप्रैल में बाइडेन विक्ट्री फंड में 50,000 डॉलर का दान दिया था। इस रकम को एस्क्रो खाते में डाल दिया गया है क्योंकि इस रकम के स्रोत और उसकी वैधता को लेकर चिंताएं सामने आई हैं। 

इसी तरह श्रीवास्तव ने पिछले साल डेमोक्रेटिक कांग्रेसनल कैंपेन कमेटी को भी लगभग 290,000 डॉलर दिए थे। कमिटी ने भी एहतियाती उपाय के रूप में इस रकम को अलग रख दिया है।

धनराशि जब्त करने का ये कदम मीडिया में आई उन खबरों के बाद उठाया गया है. जिनमें श्रीवास्तव के कारोबारी व्यवहार और परोपकारी कार्यों पर सवाल उठाए गए थे।

राष्ट्रपति बाइडेन के स्टेट ऑफ द यूनियन संबोधन के बाद 24 घंटों के अंदर ही 10 मिलियन डॉलर जुटा लिए गए हैं। इस संबोधन में उन्होंने डोनाल्ड ट्रम्प पर लोकतंत्र के लिए खतरा पैदा करने और अमेरिकी आव्रजन संकट से निपटने के लिए बिल को रोकने का आरोप लगाया।

लॉस एंजिल्स में रहने वाले गौरव श्रीवास्तव कई तरह के धर्मार्थ कार्यों में सक्रिय रहे हैं। लेकिन प्रोजेक्ट ब्रेज़ेन के तहत उनकी ईमानदारी पर सवाल उठाए गए हैं। कहा गया है कि उन्होंने सीआईए से संबंधों को लेक झूठे दावे भी किए थे। 

एक थिंक टैंक अटलांटिक काउंसिल ने भी श्रीवास्तव से उस समय संबंध तोड़ लिए थे, जब उसे उनकी बैकग्राउंड को वेरिफाई करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ा था।

गौरव श्रीवास्तव और उनकी पत्नी शेरोन ने नवंबर 2022 में बाली में अपने ग्लोबल फूड सिक्योरिटी फोरम के लिए थिंक टैंक को 1 मिलियन डॉलर से अधिक का दान दिया था। वे गौरव और शेरोन श्रीवास्तव फैमिली फाउंडेशन नाम से एक धर्मार्थ संगठन चलाते हैं, जो दुनिया भर में वंचित समुदायों की सेवा करने का दावा करता है।

खबरों में श्रीवास्तव की पहचान और उनके कारोबार को लेकर भी सवाल उठाए गए हैं। गौरव ने कैंपने फाइलिंग में बताया था कि वह आर्किटेक्चर, इंजीनियरिंग, कंस्ट्रक्शन, ऑपरेशंस और मैनेजमेंट सेक्टर में काम करते हैं। हालांकि ग्लोबल इन्फ्रास्ट्रक्चर फर्म ने इस बात से इनकार कर दिया था कि वह उनके यहां काम करते हैं। बाद में श्रीवास्तव ने खुद को सिक्योरिटी रिसोर्स कंपनी यूनिटी रिसोर्स ग्रुप का चेयरमैन बताया था।

वैसे गौरव श्रीवास्तव और राष्ट्रपति बाइडेन के बीच संबंध दान से परे हैं। यूनिटी रिसोर्सेज ग्रुप ने कुछ समय के लिए बाइडेन के पूर्व सहयोगी अंकित देसाई के नेतृत्व में एक लॉबिंग फर्म अपॉइंट की थी। श्रीवास्तव ने पिछले साल कथित तौर पर बाइडेन से व्यक्तिगत मुलाकात भी की थी। 

श्रीवास्तव ने प्रतिनिधि मिकी शेरिल के अभियान के लिए 6,600 डॉलर और सीनेटर मारिया केंटवेल के लिए 3,300 डॉलर का भी दान दिया था। पहले उन्होंने खुद को AECOM से संबंधित बताया था, लेकिन इस बार यूनिटी रिसोर्सेज ग्रुप को अपना नियोक्ता बताया है। 

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