अमेरिका में रहने के हिसाब से हम भारतीय डाउनटाउन को कम ही प्रीफर करते हैं। इसका पहला कारण है महंगे घर और दूसरा सुरक्षा। वैसे, इसका एक तीसरा कारण यह भी है कि भारतीय किराना दुकान, मंदिर आदि जगहें भी डाउनटाउन से कई शहरों में दूर पड़ती हैं।
पर इन सबके बावजूद अपने भारत जैसी चहल-पहल आपको डाउनटाउन में ही ज्यादा दिखेगी। अगर कोई भारतीय यहां पहली बार आया और अपटाउन में रहने को मिल गया उसे तो उसे लगेगा यह किस सुनसान शहर में आ गया।
ऐसे में मुझे एक बार डाउनटाउन में रहने का मौका मिला। जगह थी, स्टैमफोर्ड, कनेक्टिकट। पहली बार मैं किसी नई बहुमंजिला बिल्डिंग में यहां रह रही थी। नीचे उतरते ही बाजार, चमक-धमक। वॉकिंग-जॉगिंग करते लोग। ऐसे में दिल्ली की याद कि हां, यह जगह कुछ-कुछ हमारे भारत सी है। रोज़मर्रा के जीवन में रौनक है।
हम घूमते-फिरते कई बार मुख्य बाजार के गोलंबर तक पहुंच जाते। यहां शाम को खूब चहल-पहल होती। एक छोटा सा पार्क और उसको घेरे कई खाने-पीने की दुकानें। खुले में फूलों की डाली से सजी कुर्सियां और उनके ऊपर झिलमिल रौशनी की छत जिससे आसमान झांकता, मुझे यह सब बड़ा सुंदर लगता। मैं वहीं पार्क के बीच किसी बेंच पर बैठ जाती।
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पार्क के आस-पास कई छोटी-छोटी दुकानें हैं। इसके ठीक सामने एक सिनेमाघर है। कुछ दुकानों की दूरी पर ही एक खूबसूरत पुस्तकालय। उसके बग़ल में बैंक और कोने में एक चर्च। वैसे कनेक्टिकट के छोटे से डाउनटाउन में तीन-चार खूबसूरत छोटे-छोटे चर्च हैं।
कनेक्टिकट डाऊनटाउन में कुछ-कुछ जगहों पर लोहे की पत्तर जैसा बॉक्स बना हुआ है। हर कुछ महीनों में लोकल या इंटरनेशनल आर्टिस्ट यहां अपनी कला का नमूना पेश करते रहते हैं। एक शाम यूं ही घूमते हुए मुझे कुछ पेंटिंग्स दिखीं, बैंक और पुस्तकालय के बीच।
हां, तो उन पेंटिंग को देख कर मैं चहक उठी। 'अरे... यह तो किसी भारतीय की कला लग रही है।' पेंटिंग देख इतना तो मालूम हो गया की मधुबनी आर्ट है पर कलाकार का नाम नही मालूम था मुझे। मैं इन पेंटिंग को देख कर बहुत ख़ुश थी। इनकी तस्वीरें लीं और घर आकर गूगल की मदद से ऑर्टिस्ट का नाम पता करने लगी।
कुछ देर बाद ली गई तस्वीर से मिलती-जुलती कुछ तस्वीरें गूगल पर मिलीं तब जाकर मालूम हुआ कि ये पेंटिंग जैमिनी रॉय की हैं। उस दिन मैंने इन्हें पहली बार जाना।
अप्रैल में इनका जन्मदिन बीता है। आज मुझे यह ध्यान आया। जन्मदिन बीत गया तो क्या? क्या कभी किसी कलाकार की कला बीतती है।
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