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'प्रतिष्ठा से अधिक टारगेट पर फोकस', सल खान का हॉपकिंस के ग्रेजुएट्स को मंत्र

जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में शामिल हुए भारतीय मूल के अमेरिकी सल खान खान ने ग्रेजुएट्स को सफलता का मंत्र दिया। उन्होंन कहा कि अगर समय से अपनी ऊर्जा का प्रयोग सही दिशा में किया जाए तो सफलता निश्चित ही मिलती है।

Sal Khan /

खान अकादमी के संस्थापक व भारतीय मूल के अमेरिकी सल खान ने जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय (Johns Hopkins University) के दीक्षांत समारोह के दौरान छात्रों से अपनी प्रतिभा को निखारने का अहम मंत्र दिया। उन्होंने कहा कि  भौतिक सुख-सुविधाओं पर ध्यान देने के बजाय अभी आर्थिक मजबूती पर फोकस करना जरूरी है। सल खान ने इस बात जोर दिया कि प्रतिष्ठा से अधिक अपने उद्देश्य को पूरा करने पर फोकस होना चाहिए।  

जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह 22 मई को मनाया गया। जिसमें  भारतीय मूल के अमेरिकी सल खान भी शामिल हुए। इस मौके स्नातक छात्रों को संबोधित करते हुए सल खान ने कहा कि भौतिक सुख सुविधाओं से अधिक अपनी प्रतिभा को निखारने के लिए टारगेट पूरा करने पर फोकस होना चाहिए। 

अपने भाषण में सल खा ने कहा, "पृथ्वी पर 500 सबसे खुश लोगों की फोर्ब्स सूची नहीं है। अगर होती, तो मुझे संदेह है कि उनमें से ज्यादातर लोग ऐसे होते जिनके बारे में हमने कभी नहीं सुना होता, लेकिन उनमें कुछ चीजें समान होतीं। दोस्तों और परिवार का एक मजबूत समुदाय, उद्देश्य की भावना, खुद को रचनात्मक रूप से व्यक्त करने का एक तरीका... इसलिए जब आप पारंपरिक अर्थों में खुद को विकसित करते हैं, तो उन चीजों में भी निवेश करें जो आपको अर्थ देती हैं।"

जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी ने सल खान को दी डॉक्टरेट की उपाधि
सल खान उन तीन हस्तियों में शामलि हैं, जिन्हें जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी ने मानद डॉक्टरेट की उपाधि दी है। सल खान ने एक बयान में कहा खान अकादमी की शुरुआत उनके छोटे चचेरे भाई की गणित में मदद करने के लिए एक व्यक्तिगत प्रयास के रूप में हुई थी, जब वह न्यू ऑरलियन्स में रह रही थी और वे बोस्टन में काम कर रहे थे। अपने अनुभव के बारे में जिक्र करते हुए सल खान ने बताया कि खान अकादमी की शुरुआत उनके छोटे चचेरे भाई की गणित में मदद करने के लिए एक व्यक्तिगत प्रयास के रूप में हुई थी, जब वह न्यू ऑरलियन्स में रह रही थी और वे बोस्टन में काम कर रहे थे। 

सल खान ने ग्रेजुएट्स को दी तीन सलाह 
सल खान ने जॉन हॉपकिंस के दीक्षांत समारोह में अपने संबोधन के दौरान 9,000 स्नातकों से सीधे बात की। उन्होंने मुख्य रूप से ग्रेजुएट्स को सफलता का तीन मूल मंत्र दिया। जिसमें पहला: "पहली, सिर्फ़ अपने सपनों का पीछा मत करो, सपने देखो और उन्हें गंभीरता से लो। दूसरा, अपनी चिंताओं को नियंत्रित करो... अगर आप इसके बारे में कुछ कर सकते हैं, तो करो। अगर नहीं, तो इसे जाने दो।" जबकि सल खान ने तीसरी सलाह के बारे में बात की। उन्होंने कहा, प्रतिष्ठा से अधिक अपने उद्देश्य को पूरा करने पर फोकस करना चाहिए। 

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