2036 के ओलंपिक गेम्स की मेजबानी के लिए अब साउथ अफ्रीका भी भारत को टक्कर दे रहा है। भारत सरकार ने दुनिया के इस सबसे बड़े खेलों के आयोजन के लिए भारतीय ओलंपिक संघ की दावेदारी का पूरा समर्थन किया है । लेकिन अब साउथ अफ्रीका भी इस खेल के लिए बोली लगाने वालों में शामिल हो गया है।
बोली लगाने वालों की सूची में पहले से ही चिली (दक्षिण अमेरिका), मिस्र (अफ्रीका), भारत (एशिया), मैक्सिको (अमेरिका), कतर (एशिया) और तुर्की (यूरेशिया) शामिल हैं। अफ्रीका महाद्वीप अभी तक ओलंपिक गेम्स की मेजबानी नहीं कर पाया है।
दिलचस्प बात यह है कि 2036 ओलंपिक खेलों के लिए बोली लगाने वाले मुख्य रूप से तीन महाद्वीपों - अफ्रीका, अमेरिका और एशिया से हैं। अमेरिका 2028 में लॉस एंजिल्स में खेलों का अगला संस्करण आयोजित करेगा। उसके बाद 2032 में ब्रिस्बेन (ऑस्ट्रेलिया) इसका आयोजन करेगा। अब सबकी नजरें 2036 के ओलंपिक गेम्स पर हैं। कई देश पहली बार आयोजन के लिए प्रयास कर रहे हैं और उन्हें नए जगह के चुने जाने के मानदंडों पर उम्मीदें हैं।
इस हफ्ते साउथ अफ्रीकन ओलंपिक कमेटी का एक डेलिगेशन लुसाने में इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी (IOC) के मुख्यालय गया। उनका वहां उत्साहपूर्वक स्वागत किया गया। IOC ने ओलंपिक खेलों की मेजबानी की संभावना पर प्रारंभिक चर्चा शुरू करने के दक्षिण अफ्रीका के प्रस्ताव का स्वागत किया।
लुसाने में ओलंपिक हाउस में एक बैठक में पेश की गई पहल, एक महत्वाकांक्षी परियोजना की शुरुआत का प्रतीक है। उम्मीद है कि दक्षिण अफ्रीका दुनिया के सबसे बड़े खेल आयोजन की मेजबानी करने वाला पहला अफ्रीकी देश बन सकता है। दक्षिण अफ्रीका के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व खेल मंत्री गायटन मैकेंजी ने किया। उनके साथ दक्षिण अफ्रीका की राष्ट्रीय ओलंपिक समिति के अध्यक्ष बैरी हेंड्रिक्स और सीईओ नोजिफो जाफ्ता भी थे।
इस परियोजना का दक्षिण अफ्रीका के आईओसी सदस्य अनंत सिंह और मानद सदस्य सैम रामासामी ने समर्थन किया है। ये दोनों प्रवासी भारतीय परिवार से ताल्लुक रखते हैं। आईओसी के अध्यक्ष थॉमस बाक ने दक्षिण अफ्रीका के इस प्रस्ताव के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि यह परियोजना न केवल दक्षिण अफ्रीका में ओलंपिक खेलों की मेजबानी के बारे में है, बल्कि पूरे अफ्रीका के लिए एक परियोजना के रूप में है। बाक ने अफ्रीकी महाद्वीप में पहले ओलंपिक खेलों के ऐतिहासिक प्रभाव को रेखांकित किया।
IOC ने भविष्य के ओलंपिक स्थानों के चयन के लिए एक लचीला रुख अपनाया है। अब इच्छुक देश मिलकर अपनी जरूरत के हिसाब से प्रोजेक्ट तैयार कर सकते हैं। IOC चार देशों के चार महाद्वीपों के एक दर्जन से अधिक हितधारकों के साथ बातचीत कर रहा है। दक्षिण अफ्रीकी बोली न केवल देश के लिए एक मील का पत्थर है, बल्कि ओलंपिक आंदोलन के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम है। यह स्थानों में विविधता लाने और खेलों को उन क्षेत्रों में लाने का प्रयास करता है जिन्होंने पहले कभी उनकी मेजबानी नहीं की है। यह पूरे अफ्रीकी महाद्वीप के लिए एकता और प्रगति का प्रतीक होगा।
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