कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा है कि भारत के प्रमुख वैश्विक साझेदारों के पास हाल ही में गए सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडलों का उद्देश्य स्पष्ट था- सीमा पार आतंकवाद पर भारत के रुख को स्पष्ट करना, न कि किसी से पक्षपात या सहानुभूति प्राप्त करना।
4 जून को वॉशिंगटन डीसी में नेशनल प्रेस क्लब में थरूर ने कहा कि ऐसा नहीं है कि हम यह कहने आए हैं कि क्या आप हमारे लिए ऐसा करेंगे? यह सब कुछ ऐसा नहीं है, और यह हर उस देश के लिए सच है जहां हम गए हैं। हम बस यह कह रहे हैं कि यह हमारी स्थिति है। हम चाहते हैं कि आप इसे समझें। और यदि आपके कोई प्रश्न हैं तो हम उनका उत्तर देंगे।
थरूर ने कहा कि हम चाहते हैं कि दुनिया समझे। न केवल यह कि अभी क्या हुआ, बल्कि यह भी कि अगर पाकिस्तान अपनी धरती पर इन तत्वों पर नियंत्रण नहीं करता है तो फिर क्या हो सकता है।
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चौथी बार संसद सदस्य बने थरूर इस प्रतिनिधिमंडल के सदस्य हैं और प्रेस क्लब में एक वार्ता में शामिल हुए। सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में भारतीय जनता पार्टी के सांसद तेजस्वी सूर्या, शिवसेना के सांसद मिलिंद देवड़ा और संयुक्त राज्य अमेरिका में भारत के पूर्व राजदूत तरनजीत सिंह संधू शामिल हैं। गुयाना, पनामा, कोलंबिया और ब्राजील की सफल यात्राओं के बाद नौ सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका अंतिम पड़ाव है।
अमेरिकी मध्यस्थता
इस मामले में ट्रम्प प्रशासन की भूमिका के बारे में पूछे जाने पर थरूर ने कहा कि मुझे लगता है अमेरिका को कुछ समय से यह समझ में आ गया है कि भारत का रुख बहुत स्पष्ट है कि हमारे सिर पर बंदूक तानकर कोई बातचीत नहीं होगी।
इस मामले में मध्यस्थता करने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प के दावे पर थरूर ने कहा कि हम अमेरिकी राष्ट्रपति और इस पद का बहुत सम्मान करते हैं। हम अपने लिए बस इतना ही कह सकते हैं कि हमने कभी किसी से मध्यस्थता करने के लिए नहीं कहा। हमें पाकिस्तानियों की भाषा बोलने में कोई दिक्कत नहीं है. जब तक वे आतंकवाद की भाषा का इस्तेमाल करते हैं हम बल की भाषा का इस्तेमाल करेंगे और इसके लिए किसी तीसरे पक्ष की जरूरत नहीं है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कैपिटल हिल में सांसदों से मिले बिना शर्त समर्थन का भी स्वागत किया. प्रतिनिधिमंडल ने हाउस इंडिया कॉकस, हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी और सीनेट फॉरेन रिलेशंस कमेटी, सीनेट इंटेलिजेंस कमेटी और सीनेट इंडिया कॉकस के सदस्यों से बातचीत की थी।
आतंकवाद का वैश्विक खतरा
पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद एक वैश्विक खतरा है। इस तथ्य को रेखांकित करते हुए भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या ने कहा कि मेरे पास तीन पन्नों की एक सूची है जिसमें संयुक्त राज्य अमेरिका को प्रभावित करने वाले प्रमुख आतंकवादी हमलों और पाकिस्तान के साथ उनके संबंधों का उल्लेख है। यहां 32 से अधिक घटनाओं का उल्लेख किया गया है। इसलिए दुनिया को इस बात पर ध्यान देने की जरूरत है कि पाकिस्तान से निकलने वाला आतंक सिर्फ तात्कालिक भूगोल (पड़ोसी भारत) के लिए ही खतरा नहीं है, बल्कि यह पूरी दुनिया के लिए खतरा है।
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