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ब्रिक्स देशों पर भड़के ट्रम्प, 10% टैरिफ की चेतावनी

ट्रम्प ने कहा कि ब्रिक्स की 'अमेरिका विरोधी नीतियों' के साथ जाने पर 10% अतिरिक्त टैरिफ लगेगा।

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प। / Reuters

ब्राजील में चल रहे ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के प्रतिभागी देशों पर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प भड़क उठे हैं। उन्होंने ब्रिक्स देशों पर 10 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ लगाने की चेतावनी दी है। 

ट्रम्प ने कहा कि ब्रिक्स की 'अमेरिका विरोधी नीतियों' के साथ जाने पर 10% अतिरिक्त टैरिफ लगेगा। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने रविवार को कहा कि ब्रिक्स की 'अमेरिका विरोधी नीतियों' के साथ तालमेल बिठाने वाले देशों पर 10% अतिरिक्त टैरिफ लगाया जाएगा।

ट्रम्प ने एक सोशल पोस्ट में कहा कि कोई भी देश जो ब्रिक्स की अमेरिका विरोधी नीतियों के साथ तालमेल बिठाता है, उस पर 10% अतिरिक्त टैरिफ लगाया जाएगा। इस नीति में कोई अपवाद नहीं होगा। इस मामले पर ध्यान देने के लिए आपका धन्यवाद!

हालांकि ट्रम्प ने अपनी पोस्ट में 'अमेरिका विरोधी नीतियों' के संदर्भ को स्पष्ट या विस्तृत नहीं किया। लेकिन माना जा रहा है कि सम्मेलन के पहले दिन यानी 6 जुलाई को ब्रिक्स देशों ने परोक्ष रूप से ईरान पर हमले और ट्रम्प के टैरिफ से असहमति जताई थी। शायद यही बात ट्रम्प को अच्छी नहीं लगी और उन्होंने भड़कते हुए ब्रिक्स देशों को 10 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ की धमकी दे दी। 

मूल ब्रिक्स समूह ने 2009 में अपने पहले शिखर सम्मेलन में ब्राजील, रूस, भारत और चीन के नेताओं को इकट्ठा किया था। बाद में इस समूह में दक्षिण अफ्रीका को जोड़ा गया और पिछले साल मिस्र, इथियोपिया, इंडोनेशिया, ईरान, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात तथा इंडोनेशिया को सदस्य के रूप में शामिल किया गया।

ईरान पर हमले की निंदा 
ब्राजील में चल रहे ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में शामिल देशों ने अमेरिका का नाम लिए बिना ईरान पर हुए हालिया हमले और व्यापार शुल्क (टैरिफ) की निंदा की। इस्राइल की मध्य पूर्व में की जा रही सैन्य कार्रवाई की आलोचना की गई। 

सम्मेलन के पहले ब्रिक्स देशों ने अमेरिका पर सीधा हमला नहीं किया, लेकिन उन्होंने कहा कि बढ़ते टैरिफ (शुल्क) से वैश्विक व्यापार पर बुरा असर पड़ रहा है और यह डब्ल्यूटीओ के नियमों के खिलाफ है। ब्राजील के राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा ने नाटो की तरफ से सैन्य खर्च बढ़ाने के फैसले की आलोचना की। उन्होंने कहा कि शांति की तुलना में युद्ध में निवेश करना हमेशा आसान होता है।


 

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