जुलाई के मध्य में भारत में बिक्री शुरू करने के बाद से टेस्ला को 600 से ज्यादा कारों के ऑर्डर मिले हैं, जो कंपनी की अपनी उम्मीदों से कम हैं। ब्लूमबर्ग न्यूज ने 2 सितंबर को इस मामले से वाकिफ सूत्रों के हवाले से बताया।
इलॉन मस्क के नेतृत्व वाली इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनी अब इस साल भारत में 350 से 500 कारें भेजने की योजना बना रही है, जिनमें से पहली खेप सितंबर की शुरुआत में शंघाई से पहुंचेगी, ब्लूमबर्ग न्यूज ने बताया।
रिपोर्ट में कहा गया है कि शुरुआत में डिलीवरी मुंबई, दिल्ली, पुणे और गुरुग्राम तक सीमित रहेगी। शिपमेंट का आकार कारों के लिए प्राप्त पूर्ण भुगतान के साथ-साथ कंपनी की उन चार शहरों के बाहर डिलीवरी करने की क्षमता पर आधारित है जहां उसकी भौतिक उपस्थिति है।
रॉयटर्स इस रिपोर्ट की तुरंत पुष्टि नहीं कर सका। टेस्ला ने रॉयटर्स के टिप्पणी के अनुरोध का तुरंत जवाब नहीं दिया।
जुलाई में टेस्ला ने भारत में अपनी मॉडल Y कार लगभग 70,000 डॉलर में लॉन्च की थी जो आयातित इलेक्ट्रिक वाहनों पर देश के उच्च शुल्कों को दर्शाती है। अमेरिकी इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता लंबे समय से भारत में कारों पर कम आयात शुल्क लगाने की पैरवी कर रहा है।
वैश्विक कारखानों में अतिरिक्त क्षमता और घटती बिक्री का सामना करते हुए टेस्ला ने शुल्कों और लेवी के बावजूद भारत में आयातित वाहन बेचने की रणनीति अपनाई है।
तीसरी तिमाही से डिलीवरी शुरू होने का अनुमान है और यह वाहन निर्माता घरेलू कार बाजार के एक विशिष्ट क्षेत्र को लक्षित कर रहा है, जहां कुल बिक्री में इलेक्ट्रिक वाहनों की हिस्सेदारी केवल 4 प्रतिशत है।
हालांकि भारत के सड़क बुनियादी ढांचे में सुधार हुआ है मगर यातायात अनुशासन, जैसे लेन ड्राइविंग- अभी भी बुनियादी है, इलेक्ट्रिक वाहन चार्जर बहुत कम हैं, आवारा जानवर, जिनमें मवेशी भी शामिल हैं और शहरों में भी सड़कों पर गड्ढे एक बड़ी बाधा हैं।
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