पाकिस्तान के उपप्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार सोमवार से चीन के आधिकारिक दौरे पर जा रहे हैं। यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर को लेकर हालिया संघर्ष ने पूरे क्षेत्र को झकझोर दिया है। इस संघर्ष में अब तक 70 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं।
पाक विदेश कार्यालय के मुताबिक, डार की यात्रा के दौरान वह चीनी विदेश मंत्री वांग यी के साथ दक्षिण एशिया की मौजूदा स्थिति पर गहन चर्चा करेंगे। इसके अलावा, पाक-चीन द्विपक्षीय संबंधों की समग्र समीक्षा भी इस बैठक का अहम हिस्सा होगी।
भारत-पाक संघर्ष की पृष्ठभूमि
अप्रैल में कश्मीर में हुए आतंकी हमले में 26 नागरिक मारे गए थे। भारत ने इसका दोष पाकिस्तान पर मढ़ा, जबकि पाकिस्तान ने इसे खारिज किया। इसके बाद 7 मई को भारत ने आतंकी ठिकानों पर हवाई हमला किया, जिसके जवाब में पाकिस्तान ने ड्रोन, मिसाइल और तोपों से जवाबी कार्रवाई की। चार दिनों तक चले संघर्ष में दोनों ओर से दर्जनों नागरिक मारे गए।
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चीन का क्या रोल?
चीन ने शुरू में दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील की थी, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि चीन ने स्पष्ट रूप से पाकिस्तान का पक्ष लिया। इशाक डार ने संसद में बताया कि 7 मई की सुबह संघर्ष के बीच पाकिस्तान ने चीन के लड़ाकू विमान भारत के खिलाफ तैनात किए और इस पर बीजिंग की ओर से सहमति जताई गई। डार ने संसद को बताया, "सुबह 4 बजे चीनी राजदूत के नेतृत्व में पूरी टीम हमारे विदेश कार्यालय में मौजूद थी। हमने उन्हें स्थिति से अवगत कराया और वे बहुत संतुष्ट थे।"
ट्रम्प की मध्यस्थता से बनी शांति
10 मई को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने हस्तक्षेप कर एक सीज़फायर की घोषणा करवाई, जो अब तक प्रभावी है। पाकिस्तान ने कहा था कि यह रविवार तक रहेगा, लेकिन भारतीय सेना का कहना है कि इसका कोई तय अंत नहीं है।
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