BWF World Badminton Championship: विश्व की 15वें नंबर की भारतीय महिला खिलाड़ी पीवी सिंधू दो बार की ओलंपिक पदक विजेता व पूर्व चैंपियन हैं। वे अब फिर चैंपियन बनने के लिए पेरिस बैडमिंटन विश्व चैंपियनशिप में प्रतिभाग कर रही हैं। मंगलवार को पेरिस में बुल्गारिया की कालोयाना नलबांटोवा को सीधे गेम में मात दे दी। हालांकि शुरुआती दौर में वे थोड़ी असहज लगीं लेकिन धीरे-धीरे फिर से अपनी लय हासिल कर ली और आक्रमक खेल का प्रदर्शन किया।
पीवी सिंधू ने महिला एकल के अपने पहले दौर के मुकाबले में 69वीं रैंकिंग की बुल्गारियाई खिलाड़ी नलबांटोवा 23-21, 21-6 से हराने में कामयाब रहीं। अगले दौर में अब सिंधू हांगकांग चीन की सलोनी समीरभाई मेहता या मलेशिया की करुपाथेवन लेत्शाना से भिड़ेंगी।
इस बीच पूर्व विश्व चैंपियन पुसरला वेंकट सिंधु (पीवी सिंधू) ने न्यूज एजेंसी एएफपी को मौजूदा चैंपियनशिप में अपने टारगेट के बारे में बताते हुए कहा कि उनकी नजर सिर्फ पदक हासिल करने पर है।
दरअसल सिंधू अब एक बार फिर कमबैक कर रही हैं। इससे पहले पेरिस में सिंधु ने रियो रजत और उसके बाद टोक्यो में हुए खेलों में कांस्य पदक जीतने के अलावा ओलंपिक रिकॉर्ड में कोई और पदक नहीं जोड़ पाई थीं।
इस हफ्ते मंगलवार को विश्व चैंपियनशिप में शानदार शुरुआत करने के बाद सिंधु ने कहा, "यह चिंताजनक है कि लंबे समय से कोई मैं पदक नहीं जीत सकी, लेकिन मेरा मतलब है कि अगर आप कुछ जीतते हैं और कुछ हारते हैं, तो आप बहुत कुछ सीखते हैं।"
पेरिस 2024 में राउंड ऑफ 16 से बाहर होने के बारे में 30 वर्षीय सिंधु ने कहा, "ओलंपिक में खेलना अपने आप में अद्भुत है और आप जानते हैं कि यह मेरा तीसरा मौका था, इसलिए प्रतिस्पर्धात्मक रूप से भी यह पिछले दो ओलंपिक की तुलना में बहुत अलग था।"
बता दें कि सिंधु अपने शानदार करियर के दौरान विश्व चैंपियनशिप में दो रजत, दो कांस्य और एक स्वर्ण पदक जीत चुकी हैं। सिंधू पेरिस में एक वर्ष बाद फिर से उसी मैदान में हैं, लेकिन वे इस बार खाली हाथ भारत वापस नहीं लौटना चाहतीं।
उन्होंने कहा, "इस बार निश्चित रूप से पदक हासिल करना है, एक समय में एक ही मैच है, इसलिए मैं वास्तव में इसके (टूर्नामेंट) लिए उत्सुक हूं। मैं पेरिस में कई बार खेल चुकी हूँ, इसलिए मुझे लगता है कि इस बार मैं पदक जीतकर घर लौटूँगी और अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद कर रही हूं।"
सिंधू ने आगे कहा, " टूर्नामेंट के पहले गेम, पहले मैच में, मुझे निश्चित रूप से इसकी (खेल की परिस्थितियों की) आदत डालने में थोड़ा समय लगा। दूसरा गेम काफी आसान था क्योंकि मैं लय में थी, लेकिन पहला गेम बहुत महत्वपूर्ण था। ऐसे में मेरे लिए यह समझना मुश्किल था, लेकिन एक बार जब मैंने कोर्ट को समझ लिया तो मुझे लगा कि मैं सही तरीके से खेल रही थी।"
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