वो बीमारियां जो कभी टीकों की बदौलत लगभग खत्म हो चुकी थीं, अब फिर से सिर उठा रही हैं। अमेरिका में खसरा (Measles), काली खांसी (Whooping Cough), मैनिन्जाइटिस और यलो फीवर जैसी बीमारियां लौट रही हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह बच्चों का टीकाकरण छूट जाना और टीकाकरण कार्यक्रमों व निगरानी तंत्र के लिए फंड में कटौती मानी जा रही है।
खसरे के मामले 1,000 पार, कई मौतें
30 मई को अमेरिकी सामुदायिक मीडिया (ACoM) द्वारा आयोजित एक स्वास्थ्य ब्रीफिंग में बताया गया कि 35 राज्यों में खसरे के 1,079 मामले दर्ज किए गए हैं। अकेले टेक्सास में 744 मामले सामने आए हैं, जिसमें से तीन मौतें भी हो चुकी हैं – दो बच्चे और एक बुजुर्ग।
काली खांसी के मामले दोगुने
काली खांसी के मामलों में भी दोगुनी वृद्धि देखी गई है। डॉक्टरों के मुताबिक, खसरा बेहद संक्रामक बीमारी है और इसके खिलाफ दो डोज़ का टीका आजीवन सुरक्षा देता है।
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CDC का रुख बदला, आलोचना बढ़ी
जहां पहले CDC (Centers for Disease Control and Prevention) टीकाकरण को समुदाय की सुरक्षा का जरिया मानता था, वहीं अब रॉबर्ट एफ. केनेडी जूनियर के स्वास्थ्य मंत्री बनने के बाद एजेंसी की भाषा बदल गई है। CDC का ताजा बयान था – “टीकाकरण का फैसला व्यक्तिगत है।”
धार्मिक विश्वासों से जुड़ी चुनौतियां
टेक्सास के गेन्स काउंटी की एक मेनोनाइट समुदाय में खसरे का बड़ा प्रकोप देखा गया, जहां धार्मिक कारणों से कई बच्चे टीका नहीं लगवाते। यहां एक बच्चे के मैक्सिको से लौटने के बाद बीमारी ने समुदाय में सैकड़ों बच्चों को अपनी चपेट में ले लिया, जिनमें से कई को निमोनिया के कारण अस्पताल में भर्ती करना पड़ा।
WHO और यूनिसेफ की अपील
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO), यूनिसेफ और GAVI ने सभी देशों से टीकाकरण कार्यक्रमों को मजबूत करने और राजनीतिक प्राथमिकता देने की अपील की है।
जान बचाने वाली वैक्सीन को हल्के में लेना खतरनाक
डॉ. विलियम शेफनर और डॉ. पीटर चिन-होंग जैसे विशेषज्ञों का कहना है कि जब बीमारियों से डर खत्म होता है, तो लोग वैक्सीन की अहमियत भी भूल जाते हैं। यही कारण है कि आज के नए माता-पिता में झिझक और सवाल बढ़े हैं, जो अब खतरनाक नतीजे दे रहे हैं।
नतीजा: टीका टला, बीमारी लौटी
1960 से पहले अमेरिका में हर साल 400-500 बच्चे खसरे से मरते थे। वैक्सीनेशन ने इसे पूरी तरह रोका – लेकिन अब फिर वही खतरा लौट आया है।
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