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बोस्टन में मनाई गई अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती

भारत का इतिहास कई वीरांगनाओं से भरा पड़ा है, जिन्होंने दुनिया में ये साबित करके दिखाया की नारी कभी भी अबला नहीं थी। अहिल्याबाई होलकर उन्ही में से एक हैं, जिनकी 300वीं जयंती बोस्टन में मनाई गई।

समुदाय के लोगों ने होल्कर को श्रद्धांजलि दी /

भारतीय वीरांगना अहिल्याबाई होलकर की शासन प्रणाली और दूरदर्शी निर्णयों के लिए पहचानी जाती हैं। वे भारत के मालवा क्षेत्र की रानी थीं, जिन्हें आदर्श प्रशासिका, न्यायप्रिय शासिका और धर्मपरायण लेडी के रूप में याद किया जाता है। पिछले महीने 31 मई को उनकी जयंती भारत ही नहीं यूएस में भी मनाई गई। बोस्टन में  फ्रेंड्स ऑफ एमपी, ग्लोबल सिटीजन फोरम और कई प्रमुख भारतीय-हिंदू प्रवासी संगठनों ने अहिल्याबाई होलकर जयंती समारोह का आयोजन किया। 

समारोह की शुरुआत सलिल माकोडे और संजीव सक्सेना ने दीप प्रज्ज्वलित करके किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता फ्रेंड्स ऑफ एमपी के संस्थापक सदस्य प्रमित माकोडे ने की। उन्होंने मंच से अपने संबोधनमें इस बात पर जोर दिया कि रानी अहिल्याबाई होलकर ना केवल मध्य भारत की एक प्रतिष्ठित शासक थीं, बल्कि महिला नेतृत्व के रूप में एक मार्गदर्शक थीं, जिन्होंने यह साबित करने दिखाया कि महिलाओं में आत्मविश्वास और कौशल की कमी नहीं होती। 
 

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