न्यूयॉर्क में भारत के महावाणिज्य दूतावास में बीते दिन आयुर्वेद दिवस मनाया गया। इस कार्यक्रम में एकत्र हुए विशेषज्ञों ने सर्वसम्मति से इस बात को माना कि प्राचीन उपचार विज्ञान आयुर्वेद हमारे रोजमर्रा के जीवन में बेहद जरूरी है।
आयुर्वेद दिवस के उपलक्ष्य में एलिमेंट्स के साथ साझेदारी में आयोजित इस विशेष कार्यक्रम में बोलते हुए विशेषज्ञों ने स्वीकार किया कि हमारे जीवन का हर पहलू प्रकृति से प्रभावित होता है और इसके अनुरूप जीवनशैली को समझना और अपनाना अधिकांश बीमारियों का इलाज है और आयुर्वेदिक विज्ञान बिल्कुल इसी पर जोर देता है।
इससे पहले अपने स्वागत भाषण में महावाणिज्य दूत रणधीर जयसवाल ने बताया कि कैसे आयुर्वेदिक सिद्धांत और आधुनिक जीवन में उनके अनुप्रयोग अत्यधिक लाभकारी हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सभी परंपराएं आधुनिक विज्ञान के मूलभूत सिद्धांतों पर आधारित हैं। हमें लोगों को इसके उपयोग के बारे में शिक्षित और जागरूक करना होगा। उन्होंने याद किया कि कैसे भारत में बड़े होते हुए स्वस्थ जीवन के महत्व पर जोर दिया गया था।
उन्नत विज्ञान संस्थान के प्रोफेसर डॉ. बल राम सिंह ने आयुर्वेद के गहन महत्व और सिद्ध लाभों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि हर साल आयुर्वेद दिवस दानवंतरी दिवस पर मनाया जाता है और कहा कि यह अगले साल 29 अक्टूबर को पड़ता है।
इस कार्यक्रम में हर्बल उपचार और सचेत जीवन पर कई इंटरैक्टिव DIY सत्र थे। तैला स्किनकेयर के संस्थापक शादोह पुन्नपुझा ने प्रदर्शित किया कि कैसे त्वचा के तेल में आयुर्वेदिक तत्व बेहतर त्वचा देखभाल और रक्त परिसंचरण को बढ़ावा दे सकते हैं। उन्होंने आयुर्वेद के महत्व को दोहराने के लिए अपने व्यक्तिगत अनुभव का उपयोग किया।
इसके बाद एक सत्र हुआ जिसमें बताया गया कि कैसे सही रंग मानसिक स्वास्थ्य और उत्पादकता को बढ़ावा दे सकते हैं और नींद और तनाव से राहत दिला सकते हैं। एलिमेंट्स के अलक वासा और कुशाल चोकसी ने सावधानीपूर्वक खाने और इसके स्वास्थ्य लाभों पर बात की।
आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन के अनिकेत गुने और रुचिका लाल ने स्वास्थ्य के लिए आयुर्वेद के मानसिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करने के लिए एक लघु ध्यान सत्र का नेतृत्व किया। वक्ताओं ने कल्याण और स्वास्थ्य की बेहतरी के लिए रोजमर्रा की जिंदगी में शामिल करने के तरीकों पर विचार-विमर्श किया और समकालीन जीवनशैली के लिए आयुर्वेद की अनुकूलन क्षमता पर भी प्रकाश डाला।
आपको बता दें कि आयुर्वेदिक दिवस की थीम 'एक स्वास्थ्य के लिए आयुर्वेद' थी और टैगलाइन 'हर दिन सभी के लिए आयुर्वेद' थी जिसमें मनुष्यों, जानवरों, पौधों और पर्यावरण के बीच इंटरफेस पर ध्यान केंद्रित किया गया था।
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