अमेरिकन एसोसिएशन ऑफ फिजिशियन्स ऑफ इंडियन ओरिजिन (AAPI) के अध्यक्ष डॉक्टर सतीश कथुला ने न्यू यॉर्क स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में भारतीय संसद के सदस्यों से कहा, 'आज के जमाने में जीवनशैली में बदलाव और टेक्नोलॉजी की मदद से कैंसर और दिल के दौरे को रोकना पहले से कहीं ज्यादा जरूरी है।' डॉक्टर कथुला ने आगे कहा, 'ऐसी दुनिया में जहां कैंसर और दिल की बीमारियां सबसे बड़ी समस्या है, इन बीमारियों से बचने के उपाय करना अब जरूरी से भी ज्यादा जरूरी हो गया है।'
20 नवंबर को, न्यू यॉर्क स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास में महावाणिज्यदूत बिनय एस. प्रधान और भारतीय-अमेरिकी समुदाय के प्रतिनिधियों ने बिरेंद्र प्रसाद बैश्य, विजयसाई रेड्डी वी, अक्षय यादव, संध्या राय, तेजस्वी सूर्या और बंसुरी स्वराज सहित भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल का हार्दिक स्वागत किया। डॉ. सतीश कथुला ने इस प्रतिनिधिमंडल को संबोधित किया।
महावाणिज्यदूत बिनय प्रधान ने डॉ. कथुला को भारत के गणमान्य सांसदों और भारतीय-अमेरिकी समुदाय के प्रमुख नेताओं के साथ इस महत्वपूर्ण बैठक में भाग लेने और संबोधित करने के लिए आमंत्रित किया था। इस बैठक ने भारत और अमेरिका में भारतीय प्रवासियों के लिए अहम विषयों पर विचार-विमर्श का एक अनूठा अवसर प्रदान किया।
अपने भाषण में डॉ. कथुला ने इस बात पर जोर दिया कि कैंसर और हृदय रोग भारतीयों और भारतीय-अमेरिकियों दोनों के लिए सबसे बड़ी स्वास्थ्य समस्याओं में से हैं। उन्होंने भारत सरकार से आग्रह किया कि इन बीमारियों के बोझ को कम करने के लिए बीमारी का जल्दी पता लगाना, जीवनशैली में बदलाव और जन-जागरूकता अभियानों पर ज्यादा ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा, 'भारतीय समुदाय में जीवनशैली से जुड़ी समस्याओं, जेनेटिक समस्याओं को देखते हुए, भारतीय संस्कृति के हिसाब से स्वास्थ्य सेवाएं देने की जरूरत है।'
अपनी बातचीत के दौरान, डॉ. कथुला ने अमेरिका में भारतीय मूल के डॉक्टरों के अमूल्य योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, 'एक समूह के रूप में, भारतीय-अमेरिकी चिकित्सक अमेरिका में स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। उनका प्रभाव मरीजों की देखभाल से परे है, क्योंकि कई भारतीय-अमेरिकी डॉक्टर नेतृत्वकारी भूमिकाओं में काम कर रहे हैं। स्वास्थ्य प्रणाली में सुधार के लिए काम कर रहे हैं। नीति निर्माण में योगदान दे रहे हैं। अमेरिका और भारत दोनों जगह मानवीय प्रयासों में भाग ले रहे हैं।'
डॉ. कथुला ने AAPI की महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर करते हुए कहा, '1982 में अपनी स्थापना के बाद से पिछले चार दशकों में, AAPI ने अमेरिका और भारत के बीच, खासकर स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में, सहयोग को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। AAPI कई पहलों में सक्रिय रूप से शामिल रहा है, जिसमें चिकित्सा सहायता और स्वास्थ्य पेशेवरों के लिए शैक्षिक सहायता प्रदान करना शामिल है, खासकर महामारी के दौरान।'
भारतीय संसदों ने भारतीय-अमेरिकी समुदाय के सदस्यों के साथ एक विभिन्न मसलों पर संवाद किया। उन्होंने अमेरिका के विविध स्वरूप में भारतीय प्रवासी समुदाय की अविश्वसनीय उपलब्धियों और अमूल्य योगदान की सराहना की। भारतीय विरासत के प्रति उनकी प्रतिबद्धता और भारत-अमेरिका साझेदारी को मजबूत बनाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका की तारीफ की।
इससे पहले, महावाणिज्यदूत बिनय प्रधान ने प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों और भारतीय-अमेरिकी समुदाय के नेताओं का स्वागत किया। उन्होंने भारत सरकार द्वारा शुरू किए गए 'भारत को जानिए' अभियान के बारे में बताया। जिसका उद्देश्य भारतीय प्रवासी समुदाय के युवाओं को भारत आने और अपने मूल देश को जानने का अवसर प्रदान करना है। उन्होंने समुदाय को 8 से 10 जनवरी, 2025 को भुवनेश्वर, ओडिशा में होने वाले प्रवासी भारतीय दिवस समारोह में भाग लेने और शामिल होने का निमंत्रण दिया।
बैठक में शामिल प्रवासी समुदाय के सदस्यों में एडिसन के मेयर सैम जोशी, डॉ. समीन के. शर्मा, डॉ. थॉमस अब्राहम, गौरव वर्मा, प्रो. इंद्रजीत सलूजा, डॉ. अविनाश गुप्ता, राकेश कौल, डॉ. हरि शुक्ला और जतिंदर सिंह बख्शी शामिल थे। इन्होंने भारत-अमेरिका संबंधों के विभिन्न पहलुओं पर अपने विचार साझा किए और अपनी मातृभूमि भारत को कुछ वापस देने की तीव्र इच्छा व्यक्त की।
AAPI ने कहा कि कुल मिलाकर यह कार्यक्रम भारत के साथ संबंधों को और मजबूत करने की दिशा में एक अहम प्रयास था। इन बातचीत से उत्पन्न सकारात्मक गति हमें भविष्य में और अधिक सहयोग की उम्मीद देती है, खासकर स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के क्षेत्रों में। चर्चाएं बेहद उपयोगी रहीं और इनमें भारत के निरंतर विकास और वैश्विक प्रभाव, साथ ही भारत-अमेरिका संबंधों को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित किया गया।
अमेरिका में AAPI के सदस्य हर दिन लाखों मरीजों की सेवा करते हैं। इनमें से कई उच्च पदों पर आसीन हैं। ये अमेरिका और दुनिया भर में स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र को आकार देने वाली नीतियों, कार्यक्रमों और आविष्कारों को आकार दे रहे हैं। AAPI संयुक्त राज्य अमेरिका में 125,000 से अधिक चिकित्सकों का प्रतिनिधित्व करता है।
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