भुवनेश्वर, ओडिशा में 18वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन के आखिरी दिन 10 जनवरी को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने विदेश में रहने वाले 27 कामयाब भारतीयों को प्रवासी भारतीय सम्मान अवॉर्ड से सम्मानित किया। इनमें तीन भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक शरद लाखनपाल, शर्मिला फोर्ड और रवि कुमार एस भी शामिल हैं। इन तीनों को भारत और दुनिया को दिए उनके योगदान के लिए ये सम्मान मिला।
इस मौके पर राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि विदेश में रहने वाले भारतीयों ने दुनियाभर में भारत के मूल्यों और संस्कृति को बढ़ावा देने में बहुत बड़ा योगदान दिया है। उन्होंने कहा, 'विदेश में रहने वाले भारतीय हमारे देश का सर्वश्रेष्ठ प्रतिनिधित्व करते हैं। चाहे टेक्नोलॉजी हो, मेडिसिन हो, आर्ट्स हो या बिजनेस, उन्होंने दुनिया में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। उन्होंने एक ऐसी छाप छोड़ी है, जिसे दुनिया मानती और सम्मान करती है।'
रवि कुमार एस ने इस सम्मान के लिए शुक्रिया अदा करते हुए कहा, 'मुझे प्रवासी भारतीय सम्मान अवॉर्ड मिलने पर बहुत खुशी और सम्मान महसूस हो रहा है। ये सम्मान Cognizant की भारत की तरक्की में अहम भूमिका के लिए है। हमारे 3,40,000 कर्मचारियों में से लगभग 70 प्रतिशत भारत में काम करते हैं। हम AI तकनीक को आगे बढ़ाने, नए-नए आइडियाज लाने और भारत को दुनिया में डिजिटल प्रतिभा का अग्रणी देश बनाने पर फोकस कर रहे हैं।'
राष्ट्रपति मुर्मू ने प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि ये भारत और विदेश में रहने वाले भारतीयों के बीच तालमेल और मजबूत रिश्तों को बढ़ाने का एक बेहतरीन मंच है। उन्होंने 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य में प्रवासी भारतीयों की अहम भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने कहा, 'विदेश में रहने वाले भारतीय इस विजन का एक अहम हिस्सा हैं। उनकी उपलब्धियां उन्हें विकसित भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान देने की स्थिति में रखती हैं।'
सम्मेलन के खत्म होने पर राष्ट्रपति मुर्मू ने भारत की तरक्की में प्रवासी भारतीयों की सक्रिय भागीदारी का आह्वान किया। उन्होंने कहा, 'मिलकर हम एक विकसित भारत बना सकते हैं, एक ऐसा देश जो विश्व मंच पर अपनी पहचान बनाए और दुनिया के लिए प्रकाश स्तंभ बना रहे।'
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