दिवंगत चमन लाल भल्ला और उनकी परोपकारी विरासत को भावपूर्ण श्रद्धांजलि देते हुए अमृतसर (पंजाब, भारत) में एक सड़क का नाम उनके सम्मान में रखा गया है। उद्घाटन समारोह में भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के गणमान्य व्यक्ति, परिवार और मित्र एकत्रित हुए ताकि एक ऐसे व्यक्ति का सम्मान किया जा सके जिसका जीवन वंचितों, विशेष रूप से अमृतसर इंस्टीट्यूट फॉर द ब्लाइंड के बच्चों की सेवा के लिए समर्पित था।
अमेरिकी कांग्रेसी टॉम सुओजी, न्यूयॉर्क के सीनेटर जैक मार्टिंस और असेंबलीमैन चार्ल्स लैविन ने वीडियो संदेशों के माध्यम से सभा को संबोधित किया। इसमें मानवीय प्रयासों के लिए चमन लाल भल्ला की आजीवन प्रतिबद्धता को स्वीकार किया गया। इस कार्यक्रम में सैकड़ों परिवार के सदस्य और मित्र शामिल हुए, जिनमें भारत और अमेरिका से आए कई लोग शामिल थे।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री ओम प्रकाश सोनी थे, जबकि पार्षद विकास सोनी ने सम्मानित अतिथि के रूप में कार्यक्रम में हिस्सेदारी की। अन्य गणमान्य व्यक्तियों में पूर्व विधायक सुनील दत्ती, अमृतसर कांग्रेस प्रमुख अश्विनी कुमार, सहायक आयुक्त विशाल वधावन, पार्षद सुनीता शर्मा, छेहरटा मर्चेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष कवलजीत सिंह, प्रसिद्ध सामुदायिक नेता सतीश देवगन और अमृतसर समुदाय के कई अन्य प्रमुख सदस्य शामिल थे।
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उद्घाटन समारोह की शुरुआत बैगपाइपर्स के एक पारंपरिक बैंड के नेतृत्व में एक भव्य जुलूस के साथ हुई। सैकड़ों उपस्थित लोगों ने संगीत की धुन पर एक साथ कदमताल की। सभी लोग उस संकरी गली से गुज़रे जहां कभी चमन लाल भल्ला रहा करते थे। जैसे ही समूह नए स्थापित मील के पत्थर (चमन लाल भल्ला लेन) पर पहुंचा एक ड्रोन के माध्यम से समारोह में शामिल लोगों गुलाब की पंखुड़ियों की वर्षा होने लगी।
मुख्य अतिथि सोनी ने औपचारिक रिबन काटा, उत्कीर्ण पत्थर का अनावरण किया और भीड़ से तालियां बजने लगीं। तब कई लोग श्रद्धा में हाथ जोड़कर खड़े थे। यह एक शक्तिशाली क्षण था जिसने भल्ला की स्थायी विरासत के लिए समुदाय के गहरे भावनात्मक जुड़ाव को दर्शाया। चमन लाल भल्ला की विरासत को मान्यता देते हुए अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की ओर से प्रशस्ति पत्र उनके बेटे सतीश भल्ला को प्रदान किया गया जबकि न्यूयॉर्क राज्य सीनेट की ओर से प्रशस्ति पत्र चंद्र मोहन भल्ला, सुभाष भल्ला और सूरज भल्ला को प्रदान
किए गए।
दृष्टिहीनों के प्रति भल्ला के अटूट समर्थन को श्रद्धांजलि स्वरूप, अमृतसर दृष्टिहीन संस्थान को 50,000 रुपये का चेक प्रदान किया गया साथ ही निरंतर समर्थन की प्रतिबद्धता भी जताई गई। उनकी विरासत चमन लाल भल्ला नेत्र शिविर के माध्यम से भी जीवित है, जो जरूरतमंद लोगों को मुफ्त नेत्र परीक्षण और चश्मे प्रदान करता है। भल्ला के निधन की 50वीं वर्षगांठ पर सांसद गुरजीत सिंह औजला द्वारा उद्घाटन किए गए नेत्र शिविर में अब तक अमृतसर के जरूरतमंद लोगों को 1,200 से अधिक चश्मे वितरित किए जा चुके हैं।
न्यूयॉर्क में नासाउ काउंटी के पूर्व आयुक्त वरिंदर भल्ला विदेश जाने से पहले उस सड़क का नामकरण देखने के लिए न्यूयॉर्क से गये थे, जहां वे पले-बढ़े थे। उनके साथ उनकी पत्नी रत्ना भल्ला भी थीं, जो नासाउ काउंटी की पूर्व डिप्टी कमिश्नर थीं और जिन्होंने अमृतसर में नेत्र शिविरों की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
वरिंदर भल्ला को हाल ही में भारत में उनके धर्मार्थ प्रयासों और संयुक्त राज्य अमेरिका में सामुदायिक सेवा के लिए कांग्रेस पुरस्कार मिला है। उन्होंने कहा कि मैंने जो कुछ भी किया उसके पीछे मेरे पिता की प्रेरणा रही। AWB फ़ूड बैंक, जिसकी स्थापना उन्होंने 1991 में दिल्ली में की थी, ने जरूरतमंद लोगों को डेढ़ करोड़ से ज्यादा भोजन वितरित किए हैं और अमृतसर में CLB नेत्र शिविरों का समर्थन किया है। यह सड़क अब न केवल मेरे पिता का नाम बल्कि उनके जीवन की भावना को भी दर्शाती है। यह भूले हुए लोगों की सेवा करने, गिरे हुए लोगों को उठाने और बिना आवाज वाले लोगों की देखभाल करने के लिए प्रेरित करती है।
जैसे-जैसे शाम ढलती गई और आखिरी गुलाब की पंखुड़ियां हवा से धीरे-धीरे बहीं, चमन लाल भल्ला लेन एक जीवंत प्रतीक के रूप में स्थापित हो गई। एक ऐसा मार्ग जहां कभी करुणा चलती थी और जहां अब एक अमर विरासत हमेशा मार्गदर्शन करती रहेगी।
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