दक्षिण भारतीय शहर चेन्नई में आयोजित 'आयुष चिकित्सा मूल्य यात्रा' पर दक्षिण क्षेत्रीय शिखर सम्मेलन देश को समग्र और एकीकृत स्वास्थ्य सेवा के वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण को पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
इस मौके पर 75 से अदिक देशों के नागरिकों को 1600 से अधिक आयुष वीजा जारी किये गये। इस तरह भारत समग्र, साक्ष्य-आधारित कल्याण के लिए एक विश्वसनीय गंतव्य के रूप में उभर रहा है।
Glimpses from Chennai!
— Ministry of Ayush (@moayush) May 26, 2025
Catch the highlights from the inauguration of the South Regional Ayush Medical Value Travel Summit 2025 by Hon’ble Ayush Minister Shri @mpprataprao, followed by the felicitation of key dignitaries. (1/2) pic.twitter.com/bnDmcvM8i0
'आयुष चिकित्सा मूल्य यात्रा- स्वास्थ्य को बढ़ावा देना, वैश्विक संबंधों को मजबूत करना' विषय के अंतर्गत शिखर सम्मेलन प्राकृतिक, निवारक और रोगी-केंद्रित स्वास्थ्य समाधानों की बढ़ती वैश्विक मांग को पूरा करने में भारत की बढ़ती भूमिका पर प्रकाश डालता है।
केरल में पंचकर्म केंद्रों, तमिलनाडु और कर्नाटक में सिद्ध और प्राकृतिक चिकित्सा संस्थानों की समृद्ध विरासत के साथ-साथ आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और पुदुचेरी में बढ़ते अनुसंधान और स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे के साथ दक्षिण भारत पूरे देश में समग्र देखभाल के लिए एक मॉडल के रूप में खड़ा है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आयुष मंत्रालय के केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रतापराव जाधव ने महामारी के बाद की दुनिया में भारत की पारंपरिक प्रणालियों- आयुर्वेद, सिद्ध, योग और प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सोवा रिग्पा और होम्योपैथी के महत्व पर जोर दिया, जो सुरक्षित, वैज्ञानिक रूप से समर्थित और टिकाऊ स्वास्थ्य दृष्टिकोणों को अधिक महत्व देती है।
उन्होंने सभी राज्यों से ऐसे कल्याण मॉडल विकसित करने का आग्रह किया जो सांस्कृतिक रूप से निहित और वैश्विक रूप से प्रासंगिक हों, आयुष आधारित चिकित्सा मूल्य यात्रा में भारत के नेतृत्व को मजबूत करें और वैश्विक स्वास्थ्य और आर्थिक विकास में योगदान दें।
मुख्य भाषण देते हुए आंध्र प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य, परिवार कल्याण और चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री सत्य कुमार यादव ने वैश्विक स्वास्थ्य केंद्र के रूप में भारत की स्थिति को मजबूत करने में इन पहलों की परिवर्तनकारी क्षमता पर प्रकाश डाला।
यह शिखर सम्मेलन आयुष आधारित चिकित्सा मूल्य यात्रा का विस्तार करने के लिए राज्य सरकारों, उद्योग जगत के नेताओं और स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के बीच सहयोग को बढ़ावा देता है।
इस पहल का उद्देश्य न केवल अंतरराष्ट्रीय रोगियों को आकर्षित करना है बल्कि एक स्थायी और एकीकृत स्वास्थ्य सेवा पारिस्थितिकी तंत्र बनाना भी है जो भारत के पारंपरिक उपचार ज्ञान को आधुनिक वितरण प्रणालियों के साथ जोड़ता है।
शिखर सम्मेलन में आयुष-आधारित चिकित्सा मूल्य यात्रा को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय और राज्य सरकार की रणनीतियां पर चर्चा की गई ताकि भारत की पारंपरिक स्वास्थ्य सेवाओं को वैश्विक स्तर पर बढ़ाने में सरकारी नेतृत्व की भूमिका पर ध्यान केंद्रित किया जा सके।
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