अंतरिक्ष में महज 8 दिन के एक छोटे या सामान्य मिशन के बजाय 9 महीने बाद धरती पर लौटीं सुनीता विलियम्स संकल्प से सिद्धि की सितारों जैसी चमकती मिसाल बन गई हैं। वैज्ञानिक उपलब्धि से कहीं आगे सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर का यह मिशन मानवीय साहस, धैर्य और शौर्य का एक कामयाब उदाहरण है। ऐसा उदाहरण जिसमें मानवता का कल्याण नितित है। सुनीता की यह सफलता नासा और दुनिया के साथ ही भारत के लिए भी विशेष मायने रखती है। अंतरिक्ष विज्ञान और भावनात्मक रूप से भी। इसलिए कि जब से विलियम्स के अंतरिक्ष में अटक जाने की खबरें आना शुरू हुईं और उनकी वापसी पर अनिश्चितता की तलवार लटक गई तब से ही भारत में सुनीता को लेकर लगातार चर्चाएं थीं। खासकर पश्चिमी भारत के उस हिस्से में जो उनका मूल है। यानी गुजरात राज्य। भावनाओं, अपनत्व और चिंता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जब 18 मार्च को सुनीता अपने अन्य साथियों के साथ अंतरिक्ष से धरती के लिए रवाना हुईं तो गुजरात में मेहसाणा के एक गांव के तमाम लोग उनकी सकुशल वापसी के लिए हवन-यज्ञ कर रहे थे। और जैसे ही फ्लोरिडा के नीले समंदर को अंतरिक्ष यान ने छुआ गुजरात के उस गांव के लोग भी खुशी और उत्साह के साथ झूम उठे। इसलिए क्योंकि उनके गांव की एक बेटी साहस की नजीर बनकर सुरक्षित लौट आई थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सुनीता विलियम्स को 'भारत की सबसे शानदार बेटी' कहा।
निसंदेह रूप से सुनीता और उनके साथियों की अंतरिक्ष से धरती पर वापसी को दुनिया देख रही थी। भारत के मीडिया ने भी इस घर-वापसी को व्यापक तौर पर कवर किया। भारतीय मीडिया ने ही खुलासा किया कि सुनीता की वापसी से पहले और इस माह की शुरुआत में भारत के प्रधानमंत्री मोदी ने 'देश की बेटी' को एक पत्र लिखा था। इसी वायरल पत्र में पीएम मोदी ने सुनीता को 'भारत की सबसे शानदार बेटी' बुलाते हुए लिखा- भले ही आप हजारों मील दूर हों, पर आप हमारे दिलों के बेहद करीब हैं। मोदी ने सुनीता की हिम्मत और हौसले की भी तारीफ की और बताया कि 140 करोड़ भारतीय उनका कितना सम्मान करते हैं। इसी चिट्ठी में पीएम मोदी ने सुनीता के भारत से गहरे नाते का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प और पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडन से मुलाकात के दौरान उन्होंने सुनीता के हालचाल पूछे थे। उन्होंने लिखा- 140 करोड़ भारतीय हमेशा ही आपकी कामयाबी पर बहुत गर्व करते रहे हैं। हाल ही में जो हुआ है, उससे आपकी हिम्मत और लगन और भी साफ दिखाई दी है। जिस तरह अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रम्प ने ऐलान किया है कि स्वस्थ होते ही सुनीता अपने साथियों के साथ ओवल कार्यालय आएंगी उसी तरह पीएम मोदी ने भी 'देश की सबसे शानदार बेटी' को भारत आने का आमंत्रण दे चुके हैं।
इसमें संदेह नहीं कि सुनीता ने विश्व के कठिनतम अभियानों में से एक को सफलता के साथ पूरा किया है। निसंदेह उनकी यह कामयाबी भारत और दुनिया के अन्य अंतरिक्ष अभियानों के लिए भी राह दिखाएगी। वैसे भी भारत इन दिनों गगनयान जैसे महत्वाकांक्षी मिशन में जुटा है। माना जा रहा है कि सुनीता के मिशन से हासिल आंकड़े भारत के चंद्र और मंगल सहित अन्य अभियानों का मार्गदर्शन करेंगे।
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