मनोआ में हवाई विश्वविद्यालय के प्रोफेसर साई भटवाडेकर ने भारतीय नृत्य शोकेस, 'कहानी' (Kahānī) का निर्देशन और निर्माण किया। 26 अप्रैल को डोरिस ड्यूक थिएटर में यह प्रदर्शन हुआ। इस कार्यक्रम ने पारंपरिक और आधुनिक भारतीय नृत्य शैलियों के मिश्रण देखने को मिला, जिसे देखकर सभी दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए।
'कहानी', में नृत्य, संगीत और अभिनय के माध्यम से 14 अलग-अलग कहानियां विस्तार से बताई गईं थी, जिसमें प्राचीन मिथकों और समकालीन अनुभवों से प्रेरणा लेकर प्रेम, लालसा, भक्ति, आनंद और रोजमर्रा की भावनाओं जैसे कई विषयों को दर्शाया गया था। इन सभी विषयों ने दर्शकों के दिलों को छू लिया।
प्रोफेसर साई भटवाडेकर इंडो-पैसिफिक भाषाओं और साहित्य, रंगमंच और नृत्य, और एशियाई अध्ययन सहित कई यूएच मनोआ विभागों में पढ़ाते हैं। उन्होंने 40 कलाकारों की एक टीम बनाई, जिसमें से ज्यादातर यूएच के संकाय, छात्र और अतिथि कलाकार थे।
भटवाडेकर ने कहा, "मेरा इरादा विभिन्न कलाकारों, छात्रों और शिक्षकों को समुदाय के साथ लाना और नृत्य के अविश्वसनीय रूपों को प्रस्तुत करना था, जो शास्त्रीय से लेकर लोकप्रिय कला, प्राचीन परंपराओं से लेकर वैश्विक प्रवाह तक भारतीय और दक्षिण एशियाई संस्कृति का अभिन्न अंग रहे हैं और बन गए हैं।
शाम में शास्त्रीय भरतनाट्यम और कथक, महाराष्ट्र के जीवंत लोक नृत्य, हाई-एनर्जी बॉलीवुड नंबर और हिप हॉप सहित नृत्य का प्रदर्शन किया गया, जो दर्शकों को काफी भाया। बता दें, संगीत में पारंपरिक भारतीय रागों से लेकर आधुनिक बीट्स तक शामिल थे, जिसने लोगों को थिरकने पर मजबूर कर दिया. भटवाडेकर ने कहा, "मैं कलाकारों का बहुत आभारी हूं; उन सभी के साथ कोरियोग्राफी और नृत्य करना और एक पूरे शो को बनाना एक प्रेरणादायक, आनंददायक और समृद्ध अनुभव था।
राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त कोरियोग्राफर, भटवाडेकर को 2022 में प्रशंसा मिली जब उन्होंने अमेरिकन कॉलेज डांस एसोसिएशन में यूएच मनोआ का प्रतिनिधित्व किया, जहां उनकी कोरियोग्राफी को राष्ट्रव्यापी पूल से चुना गया था। बता दें, 'कहानी' ने न केवल नृत्य का प्रदर्शन किया बल्कि संस्कृतियों को भी जोड़ा, जिससे दर्शकों को एक यादगार लम्हा जीने का मौका मिला।
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