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करियर के लिहाज से साइबर सिक्योरिटी में कितनी संभावनाएं, गूगल में भारतवंशी एक्सपर्ट ने दिया मंत्र

अरकंसास यूनिवर्सिटी के लिटिल रॉक में पढ़े गौरीसेट्टी अब वहां विजिटिंग असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में भी सेवाएं देते हैं और सिक्योरिटी ऑपरेशन, साइबर रिस्क मैनेजमेंट और सिस्टम सिक्योरिटी जैसे कोर्स पढ़ाते हैं। 

मूल रूप से भारत के रहने वाले गौरीसेट्टी 2007 में स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोग्राम के जरिेए यूए लिटिल रॉक आए थे। / Image- University of Arkansas at Little Rock

गूगल में सीनियर साइबर सिक्योरिटी एडवाइजर श्री गौरीसेट्टी ने मौजूदा डिजिटल दुनिया में साइबर सिक्योरिटी के बढ़ते महत्व से अरकंसास यूनिवर्सिटी के छात्रों को परिचित कराया और साइबर सिक्योरिटी में करियर के लिए गाइडेंस प्रदान की। 

अरकंसास यूनिवर्सिटी के लिटिल रॉक में पढ़े गौरीसेट्टी अब वहां विजिटिंग असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में भी सेवाएं देते हैं और सिक्योरिटी ऑपरेशन, साइबर रिस्क मैनेजमेंट और सिस्टम सिक्योरिटी जैसे कोर्स पढ़ाते हैं। 

गौरीसेट्टी ने गूगल के मुख्य सूचना सुरक्षा अधिकारी कार्यालय में अपने कार्य की जानकारी देते हुए बताया कि हमारी टीम मुख्य सूचना सुरक्षा अधिकारियों और अन्य अधिकारियों के विश्वसनीय सलाहकार के रूप में कार्य करती है। मेरा फोकस सिक्योर डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन, क्लाउड और एआई के जरिए कंपनियों को गाइडेंस प्रदान करने पर रहता है।

गौरीसेट्टी मैन्यूफैक्चरिंग और एनर्जी कंपनियों को साइबर सिक्योरिटी संबंधी चुनौतियों से निपटने में मदद करने में माहिर हैं। उन्होंने कहा कि हमारा काम सिर्फ ट्रबलशूटिंग तक सीमित नहीं है। हम कंपनियों की दीर्घकालिक डिजिटल नीतियों को सुरक्षित बनाने में मदद करते हैं। उन्होंने कहा कि गूगल में काम करने से मुझे अपने स्टूडेंट्स के सामने वास्तविक दुनिया की चुनौतियों और संभावनाओं को पेश करने में मदद मिलती है।

गौरीसेट्टी ने साइबर सिक्योरिटी पेशेवरों की डिमांड का जिक्र करते हुए छात्रों को इसमें लंबे करियर के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि साइबर सिक्योरिटी सेक्टर में प्रतिभाओं की हमेशा जरूरत रहती है। छात्रों को हमेशा उन क्षेत्रों में जुनून के साथ आगे बढ़ना चाहिए जहां वे सामाजिक प्रभाव डाल सकें। जब वे बेहतर भविष्य के लिए योगदान पर फोकस करेंगे तो मौके स्वाभाविक रूप से सामने आएंगे।

गूगल में आने से पहले गौरीसेट्टी ने पैसिफिक नॉर्थवेस्ट नेशनल लेबोरेटरी में व्यापक अनुभव हासिल किया है। उन्होंने अमेरिकी ऊर्जा विभाग और DARPA के लिए साइबर सिक्योरिटी प्रोजेक्टों पर भी किया किया है। उन्होंने कोरोना महामारी के दौरान बायो फार्मा सप्लाई चेन की मुश्किलों के समाधान में योगदान देते हुए नेशनल रेजिलिएंस के साथ भी काम किया है। 

मूल रूप से भारत के रहने वाले गौरीसेट्टी 2007 में स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोग्राम के जरिेए यूए लिटिल रॉक पहुंचे थे। इसके बाद उन्होंने इंजीनियरिंग और सिस्टम साइंस पर फोकस करते हुए विश्वविद्यालय से स्नातक, मास्टर्स किया और पीएचडी की डिग्री हासिल की। 

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