एक भारतीय अमेरिकी न्यूरोसर्जन सर्जिकल प्रक्रियाओं के लिए झूठे दावे प्रस्तुत करने के आरोपों को निपटाने के एवज में 2,095,946 डॉलर का भुगतान करने के लिए तैयार हो गया है। टेक्सस के दक्षिणी जिले के अमेरिकी अटॉर्नी कार्यालय ने यह जानकारी दी है।
टेक्सस स्पाइन और न्यूरोसर्जरी सेंटर के तहत काम करने वाले शुगरलैंड स्थित डॉ. राजेश बिंदल ने कथित तौर पर न्यूरोस्टिम्यूलेटर इलेक्ट्रोड के सर्जिकल प्रत्यारोपण के लिए मार्च 2021 और अप्रैल 2022 के बीच मेडिकेयर और संघीय कर्मचारी स्वास्थ्य लाभ कार्यक्रम (FEHBP) को एक सर्जरी के लिए बिल दिया। ये प्रक्रियाएं अपनी जटिलता के कारण महत्वपूर्ण प्रतिपूर्ति की मांग करती हैं।
संघीय जांचकर्ताओं ने बताया कि बिंदल और उनके कर्मचारियों ने ऐसी कोई सर्जरी नहीं की थी जिसका बिल दिया गया था। इसके बजाय रोगियों को कथित तौर पर इलेक्ट्रो-एक्यूपंक्चर के लिए उपयोग किए जाने वाले उपकरण प्राप्त हुए, जिसमें कान में मोनोफिलामेंट तारों को डालना और उन्हें चिपकने वाली टेप से सुरक्षित करना शामिल था।
ये प्रक्रियाएं सर्जिकल सुविधा के बजाय बिंदल के क्लिनिक में की गईं और इसमें चीरा शामिल नहीं था। कुछ मामलों में उपकरण स्वयं बिंदल के बजाय बिक्री प्रतिनिधि या चिकित्सक सहायक द्वारा रखे गए थे।
अमेरिकी अटॉर्नी अलमदार एस. हमदानी ने कहा कि बिंदल जैसे न्यूरोसर्जन को पता होना चाहिए कि वह कब सर्जरी कर रहे हैं और कब नहीं कर रहे हैं। भले ही न्यूरोसर्जन सबसे अधिक वेतन पाने वाले विशेषज्ञों में से हैं मगर बिंदल ने कथित तौर पर खुद को और समृद्ध करने के लिए झूठे दावे प्रस्तुत किए। हमारी संघीय स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में जनता का विश्वास बनाए रखना महत्वपूर्ण है और मेरा कार्यालय उस विश्वास का उल्लंघन करने वाले किसी भी व्यक्ति को जवाबदेह ठहराएगा।
संघीय एजेंसियों ने स्वास्थ्य देखभाल बिलिंग में सत्यनिष्ठा के महत्व पर जोर दिया। स्वास्थ्य एवं मानव सेवा विभाग के महानिरीक्षक कार्यालय के प्रभारी विशेष एजेंट जेसन ई. मीडोज ने कहा कि डॉ. बिंदल ने न केवल मेडिकेयर के सामने झूठे दावे पेश किए बल्कि हमारी सबसे कमजोर आबादी को भी धोखा दिया।
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